देश में 42000 मंदिरों की रक्षा करना है ।
देश के सामने आई चुनौतीयो का मुकाबला करना चाहिए- पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ।
मध्यप्रदेश मनावर से हर्ष पाटीदार की रिपोर्ट।
विओ:-
कायस्थ परिवार मे जन्मे पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने बताया कि व्यक्ति से बड़ा देश है ।संस्कृति, सभ्यता और परंपरा को बचाने के लिए राष्ट्र की बात करना चाहिए ।सनातन धर्म प्रचार के पुरोधा ,देश के माने जाने शुभचिंतक, विचारक पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने पाटीदार कुलमी पंच ग्राम जाटपुर में बुधवार को धर्मशाला के प्रांगण में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित किया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति बड़ा नही होता है। राष्ट्र बडा होता है। देश भर में 42 हजार मंदिरों की लड़ाई लड़ी जाना है ।जिंदा है ,मरना सीखो। आस्था और परंपराओं से कंप्रोमाइज नहीं करना चाहिए। हमारे पूर्वज वह नहीं है जो छात्रपति शिवाजी महाराज की माता जीजाबाई की तरह होना चाहिए।42 हजार मंदिर हमारी आस्था के केंद्र है।
सनातनी हिंदू समाज को समाप्त कर दिया है।अनदेखा कर दिया है। ऐसी मांग मांगना चाहिए जो हमारा राष्ट्र पाॅच हजार वर्ष तक चले। समाजवाद नहीं होना चाहिए ,समाज की जिम्मेदारियां को समझना चाहिए।भारत मे दिनो दिन जनसंख्या मे निरन्तर वृध्दि हो रही है जबकि ऑस्ट्रेलिया में मात्र 2 करोड जन संख्या है।और क्षेत्रफल भारत की भूमि से तीन गुना अधिक है।दुनिया लोग घुसपैठ कर आ 5 करोड़ आ गए है।हमारे कुछ लोगों के द्वारा आधार कार्ड बनाकर बांग्लादेशीयो को भारतीय बनाया है। सन 1948 में वृद्धाश्रम बहुत कम लोग थे। आज 5 गुना बढ़ गए हैं ।शब्द का सौंदर्य, प्रकृति का सौंदर्य होना चाहिए।
राष्ट्र के सामने चुनौतियां हैं उन्हे डटकर मुकाबला करना चाहिए। आज की शिक्षा वह नहीं है जो आदिकाल में थी। धार जिले की मनावर तहसील के छोटे से गांव जाटपुर मे लगभग 16145 सनातनीयो की संख्या देखकर आश्चर्यचकित हो गये। 14 फरवरी बसंत पंचमी ज्ञान ,संगीत कला की देवी सरस्वती अवतरित हुई थी। अक्षर,अभ्यास ,संस्कार का दिन है ।मां सरस्वती ज्ञान की देवी है। ज्ञान को ही श्रेष्ठ माना गया है।सर्वप्रथम भारत माता की प्रतिमा के सामने पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ, कारसेवक टीकम भाई साद पाटीदार ने दीप प्रज्वलित कर पूजन अर्चन किया। पंकज साद ने स्वागत भाषण दिया। देश भक्ति की कविता गाई-हे भारत के राष्ट्रजनो,तुम्हे जगाने आया हूं। गोकुलधाम गौशाला समिति के सदस्य भी उपस्थित थे।
बाईट:- पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ।