राष्ट्रीय राजमार्ग १४६ बी के निर्माण में जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों और ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन शुरू : NN81

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राष्ट्रीय राजमार्ग १४६ बी के निर्माण में जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों और ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन शुरू : NN81

21/03/2024 | March 21, 2024 Last Updated 2024-03-21T17:03:27Z
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 लोकेशन - ग्राम होलीपुरा (बुधनी )

ब्यूरो चीफ-शुभम राठौर जिला सीहोर 


स्लग - *राष्ट्रीय राजमार्ग १४६ बी के निर्माण में जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों और ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन शुरू*


*सुनवाई नहीं होने पर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी*



एंकर -

बुधनी से संदलपुर तक बनने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 146बी में किसानों की जमीन अधिग्रहण में अनियमितताओं को लेकर सीहोर जिले के ग्राम पंचायत होलीपुरा में ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त हो गया है वहीं ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है और उन्होंने अनिश्चिकालीन हड़ताल भी शुरू कर दी है। इस हड़ताल को कांग्रेस ने भी समर्थन दिया है। कांग्रेस नेता विक्रम मस्ताल शर्मा ने हड़ताल पर बैठे किसानों एवं ग्रामीणों के बीच पहुंचकर उन्हें समर्थन दिया है और उनकी इस लड़ाई में हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया है।

ग्राम होलीपुरा में रेलवे लाईन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग हेतु भू-अर्जन प्रस्तावित है, जिसमें ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग हेतु भू-अर्जन सड़क के एक तरफ किया जा रहा है, जिसके कारण ग्राम के 60-70 पक्के मकान टूट रहे हैं। इससे समस्त ग्रामवासियों को भारी आर्थिक नुकसान होगा तथा निवासियों के समक्ष रहने, पशुओं को रखने एवं यंत्रों को रखने की भारी समस्या उत्पन्न हो जाएगी। इस मामले को लेकर पूर्व में वरिष्ठ अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया जा चुका है, किंतु आज तक कोई भी संतोषजनक कार्यवाही नहीं की गई। इसके विरोध स्वरूप समस्त ग्रामवासियों ने पंचायत भवन होलीपुरा के सामने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है। जब तक इस समस्या का निराकरण नहीं होता है तो समस्त ग्रामवासी आगामी लोकसभा चुनाव का पूर्णरूप से बहिष्कार भी करेंगे। आक्रोशित लोगों का आरोप है कि प्रशासन की एक पक्षीय कार्यवाही से भू-स्वामी बर्बादी के कगार पर आ सकते हैं। एनएच 146 बी में भू अर्जन में ग्रामीणों का कहना है कि उनकी जायज समस्या को प्रशासन निस्तारित नहीं कर रहा है। इसको लेकर ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है।


जिन किसानों की जमीनें अधिग्रहित की गई है और उनको इसकी जो राशि मिली है उसमें भी कई तरह के पेंच फंसे हुए हैं। कई किसानों ने भू-अर्जन की राशि को लेकर आपत्ति भी लगाई है एवं राशि बढ़ाने की मांग भी की है।