रिपोर्टर पराग अग्रवाल इंदौर मध्य प्रदेश पूरे भारत में पशु गणना के लिए इंदौर में कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया कॉन्फ्रेंस में घुमक्कड़ व अर्द्ध घुमक्कड़ समुदायों को लेकर भी चर्चा हुई।
अफसरों ने बताया कि कुछ समुदाय घुमंतू पशु भी साथ लेकर चलते है और अलग-अलग शहरो में डेरा डालते है।लोकसभा चुनाव के समाप्त हो जाने के बाद देशभर में पालतु व घुमंतु पशुओं की गणना का काम शुरू होगा। इसकी तैयारियों को लेकर गुरुवार इंदौर में राष्ट्रीय स्तर की कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इसमें पशु गणना की की रूपरेखा किस प्रकार बनानी है और उसे करने की प्रक्रिया पर चर्चा हुईकॉन्फ्रेंस में देश के अलग-अलग राज्यों के प्रतिनिधि, मत्स्यपालन, पशुपालन के अफसर मौजूद थे। पशु पालन मंत्रालय की सचिव अलका उपाध्याय, पशुपालन सांख्यिकी विभाग के निदेशक वी पी. सिंह निदेशक भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि इसमें छह से आठ माह के बाद देशभर में एक साथ पशु गणना होगी। यह गणना हर पांच साल में आयोजित होगी। इंदौर के एक होटल में आयोजित कॉन्फ्रेंस में घुमक्कड़ व अर्द्ध घुमक्कड़ समुदायों को लेकर भी चर्चा हुई। अफसरों ने बताया कि वे समुदाय घुमंतू पशु भी साथ लेकर चलते हैं और अलग-अलग शहरों में डेरा डालते हैं।
दिल्ली से आए अफसरों ने बताया कि पशु गणना से सरकार को पशु व उनसे जुड़े व्यवसाय को लेकर जानकारी मिलती है, ताकि उनके लिए योजनाएं बनाई जा सकें। पशु गणना में घरों में पाले जाने वाली गायें, भैंसें, भेड, बकरी, श्वान, बिल्ली सहित अन्य पशु शामिल रहेंगे।
कांफ्रेंस में मध्यप्रदेश में ब्रीड पशुधन और प्रदेश के घुमंतू समुदायों की वर्तमान स्थिति और पशुओं से जुड़ी समस्या पर भी चर्चा हुई। उनको जो समस्या आती है उनके बारे में चर्चा की गई पहले सत्र में अलग-अलग प्रदेशों से आए शिक्षक को पशु गणना से अवगत कराया इंदौर मध्य प्रदेश से पराग अग्रवाल की रिपोर्ट