छत्तीसगढ़ पोड़ी उपरोड़ा
नानक राजपुत
स्लग :- विजय वेस्ट कोल खदान से फट रहि किसानो कि जमीन, उपजाउ जमीन हो रहि बंजर, दरारों को ढकने डाले जा रहे मिट्टी, अबतक नहीं मिला मुवावजा।
पोड़ी उपरोड़ा विकास खंड के ग्राम पंचायत पुटीपखना के आश्रित ग्राम बीजाडांड स्थित चिरमिरी क्षेत्र का विजय वेस्ट कोल खदान के समीप ही कई किसानो के पुस्तैनी भूमि हैं। जहा अंडर ग्राउंड कोल खनन से पड़ रहि किसानो के जमीन मे दरारो को ढकने के लिए भारी मात्रा मे मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है, दरार से जमीन तो नुकसान हो ही रहे है साथ ही डाले जा रहे मिट्टी के डस्ट से जमीन क़ृषि योग्य विहीन होती जा रहि है, फटे हुए भूमि पर ढकने के लिए मिट्टी फेंकि गई फेककर उक्त भूमि को खराब कर दिया गया है। मामले मे खदान प्रबंधक द्वारा किसानो के जमीन खराब होने के एवज मे मुवावजे देने कि बात कही थी लेकिन मुवावजा आजतक नहीं दिया गया।
स्थानीय किसान हिरा सिंह व इंद्रपाल सिंह ने बताया कि क्षेत्र मे उनकी पुतैनी जमीन है, जिस जमीन मे वे प्रति वर्ष खेती करके अच्छी आये प्राप्त करते थे, लेकिन जबसे विजय वेस्ट कोल खदान खुली है तब से उनकी जमीन उत्पादन को लेकर काफी प्रभावित होने लगे है क्युकी अंडर ग्राउंड कोल उत्तखनन से जमीने फटने लगी, दरारे पड़ने लगी। पानी कि किल्लत मंडराने लगी जमीन के अंदर टेम्प्रेचर के उतार चढ़ाओ से क्षेत्र मे जल स्तर गिरने लगा। वही किसान जिस जमीन मे खेती करते थे उक्त जमीन मे दरारों को ढकने के लिए मिट्टी डाल दी गई मिट्टी ऐसा भी कि फ़सल उक्त मिट्टी मे उपज नहीं दे सकते। दरार हुई जमीन को चिन्हकित करने के लिए खदान प्रबंधक ने अलग अलग पेनल नंबर दर्ज किये है।
पोड़ी उपरोड़ा विकास खंड आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है जहा किसान ज्यादातर खेती पर आश्रित रहते हैं, हालांकि खदान से देश का विकास हो, लेकिन लगातार हो रहि जमीन कि बर्बादी से किसानो को नुकसान ही हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद प्रसासन चुप्पी साधी बैठी हुई है, किसानो का कहना है कि अगर यही हाल रहा पूरा गावं उजड़ने मे समय नहीं लगेगा।