विदिशा लोकेशन गंजबासौदा
रिपोर्टरगजेंद्र ओदीचय
हेडिंग रुक्मिणी कृष्ण संवाद किया गया
गंजबासौदा सिरोंज चौराहा राजौदा रोड स्थित नागेश्वर पशुपतिनाथ महादेव मंदिर प्रांगण में हो रही श्रीमद् भागवत कथा के षष्ठम दिवस पर आचार्य पंडित विकास एलिया जी ने कहा जब बेटी बड़ी हो जाती है तो उसका विवाह कर कर देना चाहिए चाहिए नहीं तो वह स्वयं अपना वर ढूंढ लेती है मानव जाति को यह संदेश देते हुए महाराज श्री ने कहा हर चीज का समय होता है कई समय से रुक्मणी ने प्रभु का इंतजार किया आज वह घड़ी पूर्ण हुई स्वयं रुक्मणी ने द्वारकाधीश को पत्र लिखा मां जानकी मंदिर में बुलाकर पूजन अर्चन कर भगवान द्वारकाधीश ने रुक्मणी का हाथ पकड़ रथ में बिठाया और अपनी द्वारकापुरी ले गए रुक्मणी के पिता भीष्मक को यह बात जानकर बहुत प्रसन्नता हुई, द्वारकाधीश भी विवाह में आए हैं
शिशुपाल बारात लेकर के आया था लेकिन जब उसे पता चला कि रुक्मणी को द्वारकाधीश ले गए हैं सैनिकों का हमला बोल दिया सैनिक भगवान की छवि देखकर मुग्ध हो गए अर्थात हार गए प्रभु द्वारिकाधीश की विजय हुई प्रभु द्वारिकाधीश पहुंचे कहने का अभिप्राय लक्ष्मी नारायण की है नारायण ही लक्ष्मी का वरण कर सकते हैं इसी प्रकार हम सबको भी अपना अपना एक लक्ष्य बनाना चाहिए हमें भी वही कार्य करना चाहिए, वही सोच रखना चाहिए जो हम कर सके और उसमें हमारी विजय प्राप्त हो, कथा में उपस्थित प्रीति सक्सेना राजकुमार सक्सेना कल्पना राजेश सक्सेना सरीन राजेश राय माथुर सुनीता विजय अरोड़ा भागवत समिति के समस्त भक्तगण उपस्थित रहे