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भाई ही निकाला अपनी नाबालिग बहन का हत्यारा : NN81

 *भाई ही निकाला अपनी नाबालिग बहन का हत्यारा*



एमपी गुना से जगदीश राठौर की रिपोर्ट

प्रेम प्रसंग की शंका में बहन की गई थी हत्या कर फांसी पर लटका दिया था, मामला ग्राम बापची का, गुना जिले के मधुसूदनगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम बापची में तीन वर्ष पूर्व नाबालिग बालिका की फांसी के फंदे पर लटकी लाश के मामले में पुलिस ने गुत्थी सुलझाई है। उक्त मामले में बहन का हत्यारा सगा भाई ही निकला है। आरोपी भाई द्वारा प्रेम-प्रसंग के शक में बालिका की दम घोंटकर हत्या कर लाश को फांसी पर लटकाया था। तीन साल पुलिस ने आरोपी भाई को गिरफ्तार किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 8 सितंबर 21 को सूचनाकर्ता मृतक बालिका के पिता द्वारा अपनी 13 वर्षीय नाबालिग पुत्री के घर पर फांसी लगाने संबंधी सूचना मधुसूदनगढ़ थाना पुलिस को दी गई थी। जिस पर से मधुसूदनगढ़ थाना पुलिस द्वारा घटना स्थल पहुंचकर घटना स्थल का निरीक्षण कर लाश का पीएम कराया गया एवं इस घटना को लेकर मधुसूदनगढ़ थाने पर मर्ग कायम कर जांच में लिया गया । एफएसएल अधिकारी द्वारा लाश व घटना स्थल का निरीक्षण करने पर मृतिका के शरीर पर फांसी से हुई मृत्यु के कई लक्षणों का न होना पाये जाने पर प्रथम दृष्टया घटना संदेहास्पद परिस्थितियों में घटित होने के संकेत मिले। उक्त मामले में पुलिस एसपील संजीव कुमार सिंहा द्वारा मधुसूदनगढ़ थाने पर लंबित उपरोक्त मर्ग के घटनाक्रम को गंभीरता से लेकर मर्ग का शीघ्रता से निराकरण के निर्देश दिए। निर्देशानुसार मधुसूदनगढ़ थाना पुलिस द्वारा घटना के हर पहलू पर बारीकी से जांच की गई एवं साक्षियों के कथन लिये गये । मृतिका की पीएम रिपोर्ट की क्यूरी कराये जाने पर डॉक्टर द्वारा अपनी रिपोर्ट में मृतिका के गले पर कोई लिगेचर मार्क नहीं पाया जाना एवं मृतिका को मृत्यु पश्चात फंदे पर लटकाया जाना लेख किया गया । प्रकरण की संपूर्ण मर्ग जांच पर मृतिका की दम घोंटकर हत्या कर लाश को फंदे पर लटकाना पाये जाने पर 6 मार्च 24 को अज्ञात आरोपी के विरूद्ध मधुसूदनगढ़ थाने पर अप.क्र. 35/24 जुर्म धारा 302 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया ।   

पुलिस द्वारा प्रकरण का लगातार अनुसंधान करने पर घटना 8 सितंबर 21 को शाम 4-5 बजे की होना, घटना स्थल गांव से अलग खेत पर फरियादी का घर होना, घटना के वक्त घर पर मृतिका के अलावा केवल उसके परिजनों का ही होना पाये जाने पर बालिका की हत्या में पुलिस के शक सुई सर्वप्रथम मृतिका के परिजनों पर ही गई और मृतिका के परिजनों तथा अन्य स्वतंत्र साक्षियों के अलग-अलग में कथन लिए। जिसमें पुलिस द्वारा मृतिका के भाई धीरज सिंह पुत्र उमराव सिंह लोधी निवासी ग्राम बापची थाना मधुसूदनगढ़ को संदेही मानकर हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर उसने पहले तो पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की गई। लेकिन पुलिस द्वारा उसके खिलाफ एकत्रित सबूत उसे बताये गये तो वह एकदम से टूट गया। अपनी बहन के प्रेम-प्रसंग के चलते उसकी हरकतों से परेशान होकर लोक शर्म के कारण गुस्से में आकर घर में मौका पाकर अपनी बहन के नाक-मुंह दबाकर उसे मार देना एवं लाश को फांसी पर लटका देना स्वीकार किया। 13 वर्षीय नाबालिग बालिका की 3 वर्ष पूर्व की गई हत्या के उपरोक्त प्रकरण में पुलिस द्वारा आरोपी धीरज सिंह लोधी को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया है । प्रकरण की विवेचना जारी है।  तीन साल पुराने हत्या के प्रकरण का पर्दाफास करने में एसडीओपी धरनावदा युवराज सिंह चौहान, एसडीओपी गुना विवेक अष्ठाना, गुना कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक अनूप कुमार भर्गव, मधुसूदनगढ़ थाना प्रभारी निरीक्षक सुरेश सिंह कुशवाह, उकावद चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक वीरेन्द्र सिंह परिहार, उपनिरीक्षक पंजाब सिंह, प्रधान आरक्षक दिनेश शर्मा, प्रधान आरक्षक महेन्द्र सिंह चौहान, प्रधान आरक्षक पप्पू चंदेल, प्रधान आरक्षक चंद्रसेन फाल्के, प्रधान आरक्षक प्रेमनारायण राणा, आरक्षक अविनीश जाट, आरक्षक लक्ष्मीनारायण, आरक्षक शैलेष सिंघल, आरक्षक रामनिवास गुर्जर एवं आरक्षक चालक असफाक उद्दीन कुर्रेशी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है ।

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