गेल इंडिया का एथेन क्रैकर प्रोटोकेमिकल प्लांट लगाना क्षेत्र के लिए हानिकारक है इसलिए इसे यह से अन्यत्र लगाए सरकार : NN81

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गेल इंडिया का एथेन क्रैकर प्रोटोकेमिकल प्लांट लगाना क्षेत्र के लिए हानिकारक है इसलिए इसे यह से अन्यत्र लगाए सरकार : NN81

09/06/2024 | June 09, 2024 Last Updated 2024-06-09T16:50:00Z
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 गेल इंडिया का एथेन क्रैकर प्रोटोकेमिकल प्लांट लगाना क्षेत्र के लिए हानिकारक है इसलिए इसे यह से अन्यत्र लगाए सरकार – हरपाल ठाकुर!!


रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर एमपी 



मध्य प्रदेश सरकार एवं गेल इंडिया लिमिटेड द्वारा सीहोर जिले की आष्टा तहसील के बागेर भंवरा भंवरी क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा एथेन क्रैकर प्रोटोकेमिकल प्लांट गेल इंडिया द्वारा लगाया जाना प्रस्तावित किया गया है जिसकी मध्य प्रदेश सरकार ने प्रारंभिक स्वीकृति दे दी है और साथ ही जिला कलेक्टर को सरकारी एवं निजी किसने की भूमि को अधिग्रहण करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा है जिस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस सदस्य हरपाल ठाकुर ने कहा कि पूरे क्षेत्र के लिए यह विनाशकारी और आने वाली पीढ़ियों को बर्बाद करने वाल निर्णय है एथेन प्रोटो केमिकल प्लांट के लिए यह क्षेत्र उपयुक्त नहीं है इस प्रकार के प्लांट सामान्यतः रेतीले या मरुस्थल एरिया में लगाए जाते हैं जबकि जहां गेल इंडिया और मध्य प्रदेश सरकार यहां एथेन प्रोटोकेमिकल प्लांट लगाना चाहता है


वह किसानों के लिए सबसे अच्छी उपजाऊ जमीन है और उस जमीन के अंदर पूरे देश में सबसे अच्छी क्वालिटी का शरबती गेहूं पैदा होता है जो कि पूरे देश में प्रसिद्ध है ऐसे एरिया में यह प्लांट लगाना पूरे एरिया को बर्बाद करने जैसा निर्णय है हरपाल ठाकुर ने कहा की गेल इंडिया और मध्य प्रदेश सरकार का आष्टा क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा एथेन क्रैकर प्रोटोकेमिकल प्लांट लगाने का निर्णय एकदम गलत और क्षेत्र के लिए नुकसानदायक साबित होने वाला है और नुकसान सिर्फ आज नहीं है आने वाली पीढियां तक इसके नुकसान का दायरा लगातार बढ़ता जाएगा क्योंकि यह प्लांट जिस क्षेत्र में लगाया जाता है उस क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ाने के साथ ही क्षेत्र का तापमान भी अत्यधिक बढ़ जाता है जो कम से कम 25 किलोमीटर को प्रभावित करता है इसके साथ ही और भी कई प्रकार का प्रदूषण और प्लांट से निकलने वाली नाइट्रोजन ऑक्साइड कार्बन डाइऑक्साइड so2 से प्रदूषण होता है जो क्षेत्र में रहने वाले आम जनमानस पशु पक्षी या अन्य जीव प्राणियों के लिए तो घातक होगा ही है साथ ही साथ क्षेत्र की फसल और प्रकृति के लिए भी नुकसानदायक होगा इसलिए इस क्षेत्र के किसान और रहने वाले सभी नागरिक जिसमें प्रमुख रूप से भंवरा भंवरी अरनिया राम अरनिया दाऊद खेड़ी शोभा खेड़ी दोनिया बापचा बागेर के साथ ही पूरा आष्टा क्षेत्र के सामान्य जनमानस भी प्लांट को यहां लगाने के निर्णय पर सवाल खड़े कर रहे हैं और साथ ही इसे यहां नहीं लगाने के प्रति सरकार से निवेदन कर रहे हैं और इस प्लांट को रोकने के लिए सभी लोग एकजुट होकर भविष्य मै दीर्घकालीन आंदोलन की योजना बना रहे हैं हरपाल ठाकुर ने कहा इस प्लांट को यहां नहीं लगने देना कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है यह प्लांट हमारे क्षेत्र का विकास करने की जगह विनाश करेगा और साथ ही इस प्लांट से होने वाले प्रदूषण से हमारे वर्तमान और आने वाली पीढियां को न सिर्फ आर्थिक बल्कि शारीरिक मानसिक और कई तरह के नुकसान का सामना करना पड़ेगा इसलिए इस प्लांट को यहां नहीं लगते देने के लिए सभी लोगों को दलगत राजनिति से ऊपर उठकर इस प्लांट को यहां लगाने का विरोध करना चाहिए और सरकार को इस प्लांट को अन्यत्र लगाने के लिए निवेदन करना चाहिए और उम्मीद है कि सरकार निवेदन से मान जाएगी और यदि फिर भी सरकार नहीं मानती है तो क्षेत्र के लोगों के साथ मिलकर शांतिपूर्वक गांधीवादी तरीके से इस प्लांट का नही लगने देने के लिए अंतिम सांस तक विरोध करना चाहिए हरपाल ठाकुर ने कहा की समझ से परे है की जो क्षेत्र कृषि के लिए और खासकर शरबती गेहूं के साथ ही कई प्रकार की बेहतरीन फसल उपजाने के लिए जाना जाता है वहां एथेन क्रैकर प्रोटोकेमिकल प्लांट लगाने का कोई कारण नहीं है हमारे देश में एथेन क्रैकर प्रोटोकेमिकल प्लांट लगाने के लिए अनेकों क्षेत्र उपयुक्त है इस प्लांट को वहां लगाना चाहिए यदि वास्तव में इस प्लांट से क्षेत्र के लोगों का क्षेत्र की आने वाली पीढियां को किसी भी प्रकार का फायदा होता तो हम  आगे रहकर मध्य प्रदेश सरकार और गेल इंडिया का आभार व्यक्त करते परंतु इस प्लांट से हमारा प्रकृति का संतुलन बिगड़ेगा और कृषि का क्षेत्र धीरे-धीरे करके बंजर क्षेत्र में परिवर्तित हो जाएगा और साथ ही हमारे क्षेत्र में रहने वाले लोग कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित होने लगेंगे इसलिए हम इस प्लांट को यहां किसी भी कीमत पर नहीं लगने देंगे इसके साथ ही मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव जी और जिला कलेक्टर को यह ज्ञात होगा की 2013 में परित भूमि अधिग्रहण कानून किसी भी क्षेत्र की भूमि अधिकृत करने के लिए 70 से 80% लोगों की सहमति के बिना भूमि अधिग्रहण की अनुमति नहीं देता है यह तो निजी भूमि की बात हुई पर हमारे क्षेत्र की सरकारी भूमि भी सरकार किसी ऐसे प्लांट को लगाने के लिए नहीं दे सकती जिससे हमारे क्षेत्र के वातावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता हो मेरा सरकार और संवेदनशील जिला कलेक्टर से निवेदन है कि इस प्लांट को यहां ना लगाते हुए अन्यत्र लगाने की योजना पर काम करना शुरू करें यही क्षेत्र के लिए और सरकार के लिए सकारात्मक कदम होगा मुझे उम्मीद है इस सकारात्मक कदम को उठाने के लिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी सरकार से बात करेंगे क्योंकि यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है राजनीति कोई भी इसमें नहीं कर रहा है

हमारे क्षेत्र के किसानों के साथ और क्षेत्र को बचाने के लिए हर किसी को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस प्लांट को यहां नहीं लगाने के  संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े होना चाहिए मुझे पूरा विश्वास है की न सिर्फ आष्टा क्षेत्र के लोग बल्कि संपूर्ण जिले के लोग इस प्लांट को यहां नहीं लगाने  के लिए क्षेत्र के किसान भाइयों और आम नागरिकों के साथ खड़े होंगे हरपाल ठाकुर ने आगे कहा कि यदि सरकार ने हठधर्मिता के साथ यह प्लांट लगाने की कोशिश की तो क्षेत्र के किसान और आम लोगों के साथ मिलकर संपूर्ण क्षेत्र के लोग मजबूती के साथ आंदोलन करेंगे और वह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक यह प्लांट यहां से कहीं और जाने के लिए अधिकृत रूप से घोषणा नहीं हो जाए सरकार और जिला कलेक्टर से एक बार और अपील है कि आप इस पर गंभीरता से विचार कीजिए जिस क्षेत्र में लगा रहे हैं उस क्षेत्र के लोगों से बात कीजिए और इस प्लांट को यहां से अन्यत्र शिफ्ट करने में क्षेत्र के लोगों की मदद कीजिए !!