लोकेशन
नौरोजाबाद//उमरिया
मदनलाल बर्मन की रिपोर्ट
विद्यालय भवन में कर रहा ठेकेदार भ्रष्टाचार गुणवत्ता विहीन निर्माण से लोगों ने की आपत्ति दर्ज प्रशासन से की कार्रवाई की मांग
एंकर,, उमरिया जिले के करकेली जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत कोहका 82 में पी आई यू विभाग के माध्यम से हाई सेकंडरी विद्यालय का निर्माण कार्य संचालित है कार्य एजेंसी जबलपुर के हनी वर्मा के द्वारा भवन निर्माण कार्य को अंजाम दे रहा है लेकिन जिस वेश और गुणवत्ता से भवन निर्माण होना चाहिए उस वेश से निर्माण कार्य न होकर गुणवत्ता विहीन कर भ्रष्टाचार के भेट चढ़ा रहा शासन की राशि भवन को, स्थानिक ग्रामीण जनों ने संबंधित कार्य एजेंसी से जब इस विषय के संबंध में चर्चा की तो स्थानीय स्थल पर ठेकेदार के गुर्गे महेश यादव ने स्थानिक ग्रामीणों से अनाप-शनाप बात करते हुए सीधे तौर तरीके से कह दिया हमारी मर्जी जैसे करना है वैसा करेंगे
विभाग के निर्देशन पर हम काम कर रहे हैं जिससे ग्रामीण जनों ने मीडिया से चर्चा करते हुए बतायें है कि शासन प्रशासन के नियम है कि कोई भी निर्माण कार्य प्रारंभ होने के पहले सूचना पटल लगाया जाए जिसे आसानी से लोगों को जानकारी प्राप्त हो सके लेकिन सूचना पटल छुपा कार्य एजेंसी द्वारा निर्माण कार्य कर रहा है स्थानीय स्तर का मिट्टी युक्त रेत एवं डस्ट लगा रहा है जिस तरह से कालम में मजबूती होनी चाहिए वैसा मजबूती नहीं दिख रही स्थानिक ग्रामीणों जनप्रतिनिधियों का यह भी कहना है
कि लगभग 1 करोड़ की लागत से यह भवन बन रहा है छात्रों की भविष्य के साथ ठेकेदार और विभाग के संबंधित अधिकारी द्वारा खिलवाड़ कर रहे हैं भवन बन जाने के बाद ज्यादा दिन यह टिकाऊ नहीं रह सकेगा जिससे पूरे गांव के लोगों ने शासकीय हाई सेकेंडरी विद्यालय भवन निर्माण को लेकर आपत्ति दर्ज करते हुए जिला प्रशासन कलेक्टर से संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही करते हुए गुणवत्ता से निर्माण कार्य करने की बात शासन प्रशासन से गुहार लगाई है इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य कैलाश सिंह ने बताया है कि ठेकेदार द्वारा बेहद घटिया निर्माण कर भ्रष्टाचार को अंजाम देने में पीछे नहीं है ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती चमेली बाई उप सरपंच इंद्रपाल ने भी इस पर आपत्ती दर्ज कराई है सरपंच के साथ लगातार पी आई यू विभाग द्वारा चल रहे निर्माण कार्यों में काफी भ्रष्टाचार की बात सामने आ रही है लेकिन पी आई यू विभाग ई के द्वारा कभी भी क्षेत्र में पहुंचकर कभी भवन निर्माण पर निरीक्षण करने की जरूरत नहीं समझी जिससे मन मानी तौर तरीके पर संबंधित कार्य एजेंसी अपने मनमर्जी के साथ निर्माण कार्य करते हैं और अंत में कुछ सालों बाद भवन में दरारें आना प्रारंभ हो जाता है