ई-देयकों तथा ई-लेखों का प्रस्तुतिकरण होगा पेपरलेस : NN81

Notification

×

Iklan

ई-देयकों तथा ई-लेखों का प्रस्तुतिकरण होगा पेपरलेस : NN81

19/07/2024 | July 19, 2024 Last Updated 2024-07-19T13:47:27Z
    Share on

 *जिला ब्यूरो अनिल जोशी  दुर्ग*

*समाचार*


*ई-देयकों तथा ई-लेखों का प्रस्तुतिकरण होगा पेपरलेस*


*-कोषालय में देयकों के ऑनलाईन प्रस्तुतिकरण एवं जीएसटी-टीडीएस के संबंध में कार्यशाला सम्पन्न*



       दुर्ग, 18 जुलाई 2024/ राज्य शासन द्वारा माह जुलाई से राज्य के सभी कोषालय में ई-देयक तथा ई-लेखे की व्यवस्था लागू की गई है। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग दुर्ग के सभागार में कार्यशाला प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। कार्यशाला दो पालियों में आयोजित की गई। 

       केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम 2017 एवं छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर अधिनियम 2017 की धारा 51 के प्रावधानों के अनुसार शासकीय विभागों द्वारा की जाने वाली सामग्री खरीदी एवं सेवा प्राप्ति पर प्रदायकर्ताओं को तथा ठेकेदारों को किए जाने वाले भुगतान पर स्त्रोत पर कर की कटौती किया जाना है।


  

कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने वित्त विभाग के वित्त निर्देश के प्रावधानों के संबंध में सभी जिला स्तरीय अधिकारी एवं आहरण संवितरण अधिकारियों को दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करते हुए कोषालयों में एक जुलाई 2024 से देयकों एवं मासिक लेखे का अनिवार्य रूप से ऑनलाईन प्रस्तुतिकरण करने को कहा। इस प्रक्रिया के सुचारू रूप से संचालन हेतु यह आवश्यक है कि सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारियों के पास नेटवर्क की सही स्पीड, देयकों के साथ अपलोड किए जाने वाले दस्तावेज की स्केनिंग करने हेतु समुचित क्षमता वाला स्केनर तथा अन्य आवश्यक इलेक्ट्रानिक सामग्री उपलब्ध हो। साथ ही साथ वैध डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (डीएससी) भी आवश्यक होगा। उन्होंने ऑनलाईन प्रस्तुतिकरण संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए कोषालय अधिकारी  राघवेन्द्र कुमार मोबाईल नंबर 9827952096, सहायक कमिश्नर जीएसटी अधिकारी  भूपेन्द्र कुमार मोबाईल नंबर 8800839338 एवं एनआईसी अधिकारी श्वेता चौबे से सम्पर्क करने को कहा। 


      कोषालय अधिकारी ने कहा कि कोषालय एवं उप कोषालय में देयक प्रस्तुत करने की प्रक्रिया में आहरण एवं संवितरण अधिकारी द्वारा ई-कोष साफ्टवेयर में ई-पेरोल तथा ई-बिल मॉड्यूल में ऑनलाईन माध्यम से देयक तैयार किये जायेंगे तथा डी.एस.सी. का उपयोग करने के बाद देयको को कोषालय को अग्रेषित किया जायेगा। ई-पेरोल में सिस्टम से जनरेटड होने वाले शेडयूल में प्रत्येक में डी.एस.सी. तथा ई-बिल में एक डी.एस.सी. आवश्यक होगा यदि पे-बिल के साथ कोई डाक्यूमेंट अपलोड किया जाना है तो साइन्ड डाक्यूमेंट (हस्ताक्षर किया हुआ दस्तावेज) पी. डी.एफ. फॉर्मेंट में अपलोड किया जावेगा, जिसमें डी.एस.सी. आवश्यक नहीं होगा।

      ई-पेरोल के अलावा अन्य सभी देयको में एक डी.एस.सी तथा सभी संलग्न उप प्रमाणक को स्केनिग कर अपलोड किया जाना होगा। इसमें डी.एस.सी. अनिवार्य नही होगा यदि एक फाईल का साइज 5 एमबी से अधिक है तो फाईल साईज को कम्प्रेस कर अपलोड किया जाना होगा। कम्प्रेस करने हेतु ऑनलाईन उपलब्ध इसी ईकोष साफटवेयर का उपयोग किया जा सकता है अथवा देयको की संख्या में वृद्धि की जा सकती है। सभी अटेचमेंट पी.डी.एफ. फार्मेट में ही अपलोड किया जाना अनिवार्य है। देयकों को तैयार करने हेतु मेकर (बिल कलर्क) स्तर तथा चेकर (डी.डी.ओ.) स्तर रखा गया है, जिसमे मेकर (बिल कलर्क) द्वारा बिल तैयार कर चेक लिस्ट का परीक्षण किया जायेगा तथा चेकर (डी.डी.ओ.) द्वारा बी.टी.आर नम्बर और बिल को परीक्षण तथा डी.एस सी. किया जायेगा। कोषालय अधिकारी द्वारा संबंधित डी डी.ओ. हेतु ऑनलाईन बी.टी.आर. नम्बर जारी किया जायेगा। इसी नंबर अनुसार देयक कोषालय में अग्रेषित किए जायेंगे तभी डीडीओ द्वारा देयक की एक हार्ड कॉपी निकालकर संधारित किया जाएगा।

     कार्यशाला/प्रशिक्षण में कोषालय अधिकारी  राघवेन्द्र कुमार, सहायक कमिश्नर दुर्ग सर्कल जीएसटी अधिकारी  भूपेन्द्र कुमार एवं एनआईसी अधिकारी श्रीमती श्वेता चौबे सहित समस्त आहरण एवं संवितरण अधिकारी, लिपिक, डाटा एंट्री ऑपरेटर उपस्थित थे।