पर्यटन विभाग द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दिए जा रहे प्रशिक्षण
नर्मदापुरम जिले में पर्यटन स्थलों पर सुरक्षित पर्यटन हेतु महिलाओं को दिये जा रहे प्रशिक्षण, महिलाओं के लिए 50 पर्यटन स्थलों पर अपंग अलग संस्थाओं द्वारा लगातार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहे हैं इसी तारतम्य में प्रथम प्रशिक्षण स्थान "नयी दिशाएँ नारी विकास समिति"द्वारा इटारसी में 05 दिवसीय सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण 24 जून 2024 से शुरू किया गया था और यह 28 जून 2024 को प्रशिक्षण का समापन किया गया था। एकेडमी",द्वारा इटारसी में दूसरा प्रशिक्षण स्थान - सी/ओ महेंद्र स्किल एंड ट्रेनिंग डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड: 05 दिवसीय सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण 26 जून 2024 से शुरू किया गया था और यह 30 जून 2024 को इसका समापन किया गया था।
तीसरा प्रशिक्षण "नंबर 6 - आंगनवाड़ी", पचमढ़ी: 05 दिवसीय सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण 01 जुलाई 2024 से शुरू किया गया और यह 05 जुलाई 2024 को प्रशिक्षण का समापन किया गया ।
चौथा प्रशिक्षण स्थान "शहीद भगत सिंह पीजी गवर्नमेंट कॉलेज", पिपरिया में: 05 दिवसीय सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण 08 जुलाई 2024 से शुरू किया जाना है जो कि 12 जुलाई 2024 को प्रशिक्षण का समापन किया जाएगा । सभी प्रशिक्षणों का उद्देश्य महिलाओं को प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाना है साथ ही पर्यटन विभाग द्वारा महिलाओं को प्रशिक्षित कर उनके कौशल अनुसार योजनाओं के तहत उन्हें रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा । जिससे महिलाओं को पर्यटन स्थलों पर घूमने में अपने आप को सुरक्षित महसूस हो और दिल खोल कर घूम सकें । नर्मदापुरम जिले में पर्यटन स्थलों पर प्रशिक्षण का कार्य पर्यटन विभाग द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से किया जा है यह प्रशिक्षण का कार्य जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के सहयोग से आई जी एस संस्था द्वारा लगातार किया जा रहा है पर्यटन प्रबंधक मनोज सिंह ठाकुर द्वारा बताया गया कि मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड द्वारा परियोजना के तहत सभी 50 पर्यटन स्थलों पर लगातार महिलाओं को सुरक्षित पर्यटन हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है साथ ही महिलाओं को प्रशिक्षण उपरांत रोजगार भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं वही आई जी एस संस्था के सदस्य पिनाकी नायक द्वारा बताया गया कि पर्यटन स्थलों पर ग्रामीणों को लगातार विभिन्न प्रशिक्षण महिलाओं को दिए जा रहे हैं साथ ही होमस्टे के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है ताकि ग्रामीणों का जीवन स्तर में सुधार भी आ सके साथ ही महिलाओं को प्रशिक्षित कर पर्यटन स्थलों पर उन्हें रोजगार भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं