संविधान दिवस के अवसर पर न्यायालय में संविधान की प्रस्तावना का वाचन और शिविर का आयोजन : NN81

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संविधान दिवस के अवसर पर न्यायालय में संविधान की प्रस्तावना का वाचन और शिविर का आयोजन : NN81

27/11/2024 | November 27, 2024 Last Updated 2024-11-27T09:04:47Z
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 प्रकाश पंथी की रिपोर्ट अशोकनगर

संविधान दिवस के अवसर पर न्यायालय में संविधान की प्रस्तावना का वाचन और शिविर का आयोजन। 


माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष महोदय श्रीमान् प्रकाश चन्द्र आर्य जी की अध्यक्षता में आज दिनांक 26 नवम्बर 2024 को संविधान दिवस के अवसर पर न्यायालय परिसर, अशोकनगर में भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया। 

          कार्यक्रम की शुरुआत संविधान की प्रस्तावना के सामूहिक वाचन से हुई, जिसमें समस्त न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारीगण ने संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया तथा शपथ ली कि वे भारतीय संविधान की अक्षुण्णता को बनाये रखने हेतु सदैव प्रयासरत रहेंगे। 

          उक्त कार्यक्रम में सम्मानीय समस्त न्यायाधीशगण, अध्यक्ष, अधिवक्ता संघ श्री चन्द्रशेखर साहू, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री बृजेश पटेल, सचिव, अधिवक्ता संघ श्री रामनिवास शर्मा, समस्त लीगल एड डिफेंस काउंसल के अधिवक्तागण, समस्त न्यायालयीन कर्मचारीगण एवं विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण उपस्थित रहें।     


           उक्त कार्यक्रम में माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष महोदय श्री प्रकाश चन्द्र आर्य ने भारतीय संविधान के बनने से पूर्व की रूपरेखा, प्रक्रिया तथा संविधान सभा के सदस्यों द्वारा भारतीय संविधान के निर्माण में किये गये अथक परिश्रम को रेखांकित करते हुए भारतीय संविधान की विशेषताओं तथा मौलिक कर्तव्य एवं मूल अधिकारों के संबंध में जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान न्यायिक प्रणाली के महत्व को भी रेखांकित किया गया और यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया गया कि हर नागरिक को न्याय तक समान पहुँच मिले। इस अवसर पर उन्होंने संविधान के निर्माण के समय की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, इसके उद्देश्य और संविधान द्वारा प्रदत्त नागरिक अधिकारों पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह हमारे देश की आत्मा और लोकतांत्रिक मूल्य की नींव है। संविधान ने भारत के नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार दिया है और इसके द्वारा हमारे समाज में धर्म, जाति, लिंग या भाषा के भेदभाव से ऊपर उठकर सभी को समान अवसर प्रदान किए गए हैं।

            इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सभी अधिवक्तागण एवं न्यायिक कर्मचारियों और नागरिकों से संविधान के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने और भारतीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए कृतसंकल्पित रहने का आह्वान किया।


            साथ ही आज दिनांक 26.11.2024 को संविधान दिवस के अवसर पर विधि महाविद्यालय में संविधान की प्रस्तावना के वाचन समस्त न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण, विधि महाविद्यालय के प्राचार्य, प्रोफेसर, शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर विधि महाविद्यालय में प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। 


        (बृजेश पटेल)

जिला विधिक सहायता अधिकारी

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,  अशोकनगर