Reported By: NN81 X @newsnation81tv
Edited By: Abhishek Vyas X @abhishekvyas99
उच्चतम न्यायालय ने रोहिंग्या शरणार्थियों से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई अगले सप्ताह के लिए तय करते हुए बुधवार को कहा कि शिक्षा के मामले में किसी भी बच्चे के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा। याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि वह केंद्र और दिल्ली सरकार को दिल्ली में रोहिंग्या शरणार्थियों को सरकारी स्कूलों व अस्पतालों तक पहुंच प्रदान करने का निर्देश दे। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने शिक्षा में किसी तरह के भेदभाव न करने की बात कही और कहा कि अदालत सिर्फ यह जानना चाहती है कि ये रोहिंग्या परिवार कहां रह रहे हैं किसके घर में रह रहे हैं और उनका विवरण क्या है
न्यायालय ने मामले की सुनवाई 10 दिन बाद के लिए तय की
एनजीओ ‘रोहिंग्या ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव’ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंजाल्विस ने कहा कि उन्होंने एक हलफनामा दायर कर विस्तृत जानकारी दी है और बताया है कि रोहिंग्या शरणार्थियों के पास यूएनएचसीआर (संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त) की ओर से जारी कार्ड हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि यदि इन रोहिंग्या परिवारों के पास ये कार्ड होंगे तो एनजीओ के लिए विवरण देना आसान हो जाएगा। इसके बाद गोंजाल्विस ने अधिक विवरण देने के लिए अदालत से कुछ समय मांगा। न्यायालय ने मामले की सुनवाई 10 दिन बाद के लिए तय की। इससे पहले 31जनवरी को शीर्ष अदालत ने एनजीओ से कहा था कि वह अदालत को बताए कि रोहिंग्या शरणार्थी शहर में कहां बसे हैं और उन्हें कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध हैं। साथ ही उसने गोंजाल्विस से हलफनामा दाखिल कर दिल्ली में उनके ठिकानों के बारे में बताने को कहा था।
एनजीओ ने रोहिंग्या शरणार्थियों को स्कूलों और अस्पतालों तक पहुंच उपलब्ध कराने की मांग की - गोंजाल्विस
गोंजाल्विस ने कहा था कि एनजीओ ने रोहिंग्या शरणार्थियों को स्कूलों और अस्पतालों तक पहुंच उपलब्ध कराने की मांग की है क्योंकि आधार कार्ड न होने के कारण उन्हें प्रवेश नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा था ‘‘वे शरणार्थी हैं जिनके पास यूएनएचसीआर (शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त) कार्ड हैं और इसलिए उनके पास आधार कार्ड नहीं हो सकते। लेकिन आधार कार्ड न होने के कारण उन्हें स्कूलों और अस्पतालों तक पहुंच नहीं दी जा रही है।’’ गोंजाल्विस ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी दिल्ली के शाहीन बाग कालिंदी कुंज और खजूरी खास इलाकों में रहते हैं। उन्होंने कहा ‘‘शाहीन बाग और कालिंदी कुंज में वे झुग्गी-झोपड़ियों में रह रहे हैं और खजूरी खास में वे किराए के मकानों में रह रहे हैं।’