कलेक्टर श्री बालागुरू के ने अधिकारियों को दिए निर्देश, नये तालाब बनेंगे, पुराने तालाबों, बावड़ियों तथा कुँओं का होगा जीर्णोद्धार: NN81

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कलेक्टर श्री बालागुरू के ने अधिकारियों को दिए निर्देश, नये तालाब बनेंगे, पुराने तालाबों, बावड़ियों तथा कुँओं का होगा जीर्णोद्धार: NN81

28/03/2025 | मार्च 28, 2025 Last Updated 2025-03-28T14:05:32Z
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 Reported By: Sharad Sharma 

Edited By: Abhishek Vyas @abhishekvyas99


 जिले में चलेगा जल गंगा संवर्धन अभियान, नये तालाब बनेंगे, पुराने तालाबों, बावड़ियों तथा कुँओं का होगा जीर्णोद्धार:

सीहोर , मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुसार जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान के अंतर्गत जहां एक ओर नये तालाब बनाये जायेंगे, वहीं दूसरी ओर पुराने तालाबों, बावड़ियों और कुँओं का जीर्णोद्धार कराया जायेगा। साथ ही सघन वृक्षारोपण भी होगा। इसके लिए जिले में विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। यह अभियान 30 मार्च से प्रारंभ होकर आगामी 30 जून तक सतत चलेगा। यह जानकारी आज कलेक्टर श्री बालागुरू ने कलेक्टर कार्यालय में सम्पन्न हुई बैठक में दी।   

 बैठक में कलेक्टर श्री बालागुरू के ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्पों को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुसार यह अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। यह अभियान जन-जन के जीवन से जुड़ा महत्वपूर्ण अभियान है। “जल है तो कल है“, जल से आने वाली पीढ़ी का भविष्य जुड़ा हुआ है। जल चिन्ता व चिंतन दोनों का विषय है। जल हमारी धरोहर है। हमारी संस्कृति एवं परंपरा में जल और वृक्षों की पूजा का बड़ा महत्व है, इसको देखते हुए इस अभियान को बेहतर और प्रभावी रूप से क्रियान्वित करना होगा। इस अभियान को समाज के हर वर्ग की भागीदारी से जन आंदोलन बनाया जायेगा।  

कलेक्टर श्री बालागुरू के ने कहा कि इस अभियान को सभी के सहयोग से जन आंदोलन के रूप में चलाया जायेगा। अभियान में जल संरक्षण के साथ ही वृक्षारोपण पर भी विशेष ध्यान दिया जायेगा। बैठक में बताया गया कि अभियान के तहत शुरुआत में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व वाले तालाबों, जल स्रोतों तथा देवालयों में जल संरक्षण के कार्य किये जायेंगे। जल गंगा संवर्धन अभियान की शुरुआत 30 मार्च 2025 से की जायेगी।  इस अभियान में जल स्रोतों और देवालयों की सफाई की योजना बनाई जाएगी। यह संतों, जन प्रतिनिधियों, स्थानीय समुदाय और सरकार के संयुक्त प्रयास से संचालित होगा, जिसमें मशीन, सामग्री व श्रम का समुचित नियोजन किया जाएगा।    कलेक्टर श्री बालागुरू के ने जल गंगा संवर्धन अभियान के सभी नो‍डल अधिकारियों को अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ डॉ नेह जैन ने सभी नोडल अधिकारियों को इस अभियान के लिए कार्ययोजना तैयार कर निर्धारित अभियान को संचालित करने के संबंध में दिशा निर्देश दिए। बैठक में डीएफओ श्री मगन सिंह डाबर, एसडीएम श्री तन्मय वर्मा सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। 


’बनेंगे नये अमृत सरोवर’

जिले में गत वर्ष चलाये गये अभियान के तहत नये अमृत सरोवर बनाये गये थे। इन सरोवरों को राजस्व अभिलेखों में दर्ज करने की कार्यवाही की जायेगी। अभियान में अमृत सरोवर 2.0 के तहत नए अमृत सरोवर बनाए जाएंगे।


तालाबों से हटेंगे अतिक्रमण

      अभियान के तहत राजस्व विभाग के साथ तालाबों का सीमांकन किया जायेगा। राजस्व अभिलेखों में नवीन तालाबों को दर्ज किया जायेगा। तालाबों पर अतिक्रमण को चिन्हित कर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जायेगी। तालाबों का जन भागीदारी से गहरीकरण होगा। मनरेगा एवं अन्य योजनाओं से तालाब का जीर्णोद्धार और सुदृढ़ीकरण किया जायेगा। तालाबों में जल की आवक बढ़ाने के लिये इनलेट क्षमता बढ़ायी जायेगी। तालाबों के पास पौधारोपण होगा। उपयोगकर्ता समूह बनाकर संधारण एवं रख रखाव किया जायेगा।


नदियों के स्त्रोत के कैचमेंट पर होंगे कार्य

      जिले की महत्वपूर्ण नदियों के स्त्रोत से वाटरशेड क्षेत्र में जल संरक्षण एवं संवर्धन कार्य किये जायेंगे। रिमोट सेंसिंग और फील्ड सर्वेक्षण के आधार पर कार्ययोजना बनाकर एक वर्ष के भीतर कार्य पूर्ण किया जाएगा। गेबियन संरचना, ट्रेंच, वृक्षारोपण, चेकडेम तालाब आदि कार्य समुदाय की भागीदारी से किये जायेंगे।     


पूर्व निर्मित जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार

       पूर्व में उपयोगी रहे लेकिन वर्तमान में अनुपयोगी चेकडेम व स्टॉप डेम का सर्वेक्षण किया जाएगा । सर्वेक्षण के आधार पर जीर्णोद्धार की कार्ययोजना तैयार कर कार्य किये जायेंगे। गाद निकालने में समाज की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी । ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक कुँओं की मुण्डेर को सुव्यवस्थित किया जायेगा। 


वृहद वृक्षारोपण

      महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत वर्षाकाल में वानिकी व उद्यानिकी पौधरोपण के लिए पारंपरिक जल स्रोतों के निकट भूमि का चयन किया जाएगा।  पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु समीपस्थ नर्सरियों का निर्धारण किया जाएगा, जिसमें एसएचजी संचालित नर्सरियों को प्राथमिकता मिलेगी।    


युवाओं को जलदूत बनाया जायेगा

      प्रत्येक ग्राम से 1-2 युवा महिला या पुरुष का चयन कर जलदूत बनाया जायेगा । ये जलदूत जीर्णोद्धार, सफाई, शासकीय योजनाओं में हितग्राही चयन और जल के सदुपयोग हेतु जनजागरूकता बढ़ाने में सहयोग करेंगे । जलदूतों का पंजीकरण भी किया जाएगा।


पानी चौपाल, पानी पंचायत तथा जल पंचायत भी होंगी

      जल संरक्षण के महत्व एवं अभियान के उद्देश्यों की जानकारी देने, जनता को जल संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति जागरूक करने, वर्षा जल का अधिकतम संरक्षण करने, भूजल संवर्धन कार्यों के विकल्प तैयार करने, आगामी वित्तीय वर्ष के जल संवर्धन से जुडे़ हुये कार्यों की रणनीति तैयार कर इन कार्यों को क्रियान्वित करवाने के लिए पानी चौपाल, पानी पंचायत, जल पंचायत भी होंगी।