चौखट दर चौखट गुहार के बाद भी जब समस्या का समाधान होता न दिखा तो निराशा ग्रामीण महिलाओं ने रोड जाम : NN81

Notification

×

Iklan

चौखट दर चौखट गुहार के बाद भी जब समस्या का समाधान होता न दिखा तो निराशा ग्रामीण महिलाओं ने रोड जाम : NN81

30/03/2025 | मार्च 30, 2025 Last Updated 2025-03-30T08:10:42Z
    Share on

 Reported By: Vishal saini 

Edited By: Abhishek Vyas @abhishekvyas99


चौखट दर चौखट गुहार के बाद भी जब समस्या का समाधान होता न दिखा तो निराशा ग्रामीण महिलाओं ने रोड जाम: 

जिला मैनपुरी कस्बा बेवर ग्राम खाकेताल- चौखट दर चौखट गुहार के बाद भी जब समस्या का समाधान होता न दिखा तो निराशा ग्रामीण महिलाओं ने रोड जाम करने का रास्ता चुन लिया। भविष्य की चिंता उन्हें खाये जा रही है। एक ठेके से परिवारों में लगी आग महिलाएं समेट नहीं पा रही हैं। अगले वित्तीय वर्ष से तीन तीन ठेकों की सरकारी सौगात उन्हें चिंता में डाले हुए है। यहां बात हो रही है विकास क्षेत्र की ग्राम पंचायत बझेरा के मजरा खांकेताल की। जहां वित्तीय वर्ष 25- 26 से देशी शराब के साथ ही ग्रामीणों को अब ठंडी बियर और अंग्रेजी मदिरा का भी रसपान करने को मिलेगा। तीन-तीन ठेकों की बात जैसे ही ग्रामीण महिलाओं को पता लगी उनमें चिंता व्याप्त हो गई। अपना भविष्य बचाने को महिलाओं ने आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिया। पिछले एक सप्ताह से यह महिलाएं अपने भविष्य बचाने की जद्दोजेहद कर रही हैं। जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देने के बाद महिलाओं ने शुक्रवार को क्षेत्रीय विधायक रामनरेश अग्निहोत्री को पत्र दे गांव में दो और ठेके खोले जाने का विरोध किया।

ठोस आश्वासन मिलता न देख लगाया जाम शनिवार को पिछले एक सप्ताह से जारी जद्दोजेहद के बाद जब ग्रामीण महिलाओं को कोई ठोस आश्वासन हाथ न लगा तो उन्होंने जाम का रास्ता तैयार कर लिया। शनिवार दोपहर जीटी रोड के गग्गरपुर नहर पुल पर ग्रामीण महिलाओं ने गांव में दो और ठेके खोले जाने का विरोध करते हुए जाम लगा दिया। जी टी रोड के जाम होने की सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा जहां क्षेत्राधिकारी भोगांव सत्य प्रकाश शर्मा ने प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के साथ मिलकर ग्रामीण महिलाओं को समझाने का प्रयास किया। काफी समझाने बुझाने के बाद शराब के ठेके गांव से बाहर खोले जाने की बात का आश्वासन मिलने पर ग्रामीण महिलाओं ने जाम खोला। क्षेत्राधिकारी ने उन्हें गांव से काफी दूरी पर ठेके खोले जाने की बात उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। ग्रामीण महिलाओं का कहना था कि गांव में देशी शराब का एक ठेका है जिसके जिसके चलते उनके परिवार में नवयुवक व आदमी शराब पीने के आदी हो गए हैं। अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा शराब में देने से परिवार की गुजर बसर करना मुश्किल हो गया है। ऐसे में अब दो और ठेके गांव में अगर खुल जाते हैं तो उनका भविष्य चौपट हो जाएगा। सरकार को राजस्व की तो चिंता है लेकिन आम ग्रामीण महिलाओं के जीवन में आ रही परेशानियों की नहीं। शराब पीकर जहां पुरुष आए दिन में उत्पात मचाते हैं वही ग्रह कलेश के चलते परिवार भी बिखर रहे हैं। ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि जब से गांव में शराब का ठेका आया है उनकी दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।

शराब के ठेके पर शराबियों के झुंड लगा रहता है जिससे कई दफा आती जाती महिलाओं को भी छींटाकशी का भी शिकार होना पड़ता है। ग्रामीण महिलाओं ने जिलाधिकारी से उनके प्रार्थना पत्र पर संज्ञान लेकर खांकेताल गांव में शराब के ठेके निरस्त करने की मांग की है। प्रदर्शन करने वाली महिलाओं में जल देवी, सुमन देवी, प्रभा देवी, लता देवी, सोनी, ममता देवी, सुशीला देवी, कुसुम देवी, विमला, निर्मला, अनार देवी, नेहा देवी, कांति देवी, सविता देवी आदि महिलाएं शामिल हैं।