Reported By: Prakash Panthi
Edited By: Abhishek Vyas X @abhishekvyas99
अधिकारी की सुस्ती के चलते दबंगों के हौंसले बुलंद, आदिवासियों की उड़ी नींद, दबंगों पर ईसागढ़ SDM नहीं कर पा रहे कार्रवाई न्याय के लिए दर-दर भटक रहा आदिवासी परिवार:
ईसागढ़ विकासखंड में एक आदिवासी व्यक्ति की जमीन पर दबंग व्यक्ति द्वारा कब्जा करने का मामला सुर्खियों में है। यह मामला तब और हाईलाइट हो गया जब हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ द्वारा इस मामले की जांच करने सहित जिला प्रशासन को पिछले दस सालों में आदिवासियों की जमीन खरीदने के मामलों की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद आदिवासियों की जमीन हथियाने संबंधी शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। खासकर ईसागढ़ विकासखंड में ऐसे मामले बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद ईसागढ़ अनुविभागीय अधिकारी इसरार खान इन मामलों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं जिससे पीड़ित आदिवासी दर-दर भटक रहे हैं और उन्हें अपने हक के लिए परेशान होना पड़ रहा है यह स्थिति तब है जबकि केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश अधिकारियों को दे चुके हैं। ईसागढ़ एसडीएम द्वारा इसके बावजूद आदिवासियों की जमीनों से संबंधी शिकायतों पर ध्यान न देना साफ करता है कि उन्हें केन्द्रीय मंत्री के निर्देशों की भी कोई परवाह नहीं है।
कलेक्टर के आदेश पर भी नहीं हुई कार्यवाही
कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी एससी-एसटी वर्ग सहित हर आवेदक को शिकायत को गंभीरता से लेते हैं और नियमानुसार जांच करने के निर्देश भी अधिकारियों की देते हैं लेकिन अधिकारी कलेक्टर के आदेश की भी गंभीरता से नहीं लेते हैं। भैरोलाल के मामले में भी कार्यालय कलेक्टर द्वारा 16 अक्टूबर 2024 को पत्र क्र.
क्यू/रीडर/कले./2024/460 के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनुभाग ईसागढ़ को पत्र लिखकर निर्देशित किया था कि नियमानुसार प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही कर 15 दिवस में इस कार्यालय में प्रतिवेदन भेजना सुनिश्चित करें। कलेक्टर के आदेश पर क्या कार्यवाही हुई एवं जांच प्रतिवेदन भेजा गया या नहीं इस बारे में जब एसडीएम ईसागढ़ इसरार खान को गुरुवार को दोपहर और शाम को दो बार कॉल किया
अशोकनगर जिले में ईसागढ़ ब्लॉक आदिवासी बाहुल्य है। यहां पर ज्यादातर आदिवासी अशिक्षित या कम पढ़े-लिखे हैं इसी कारण दबंग लोग इनों कर्ज देकर, धमका कर, प्रलोभन देकर या शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर कागजों पर फर्जी तरीके से अंगूठा लगवाकर या हस्ताक्षर कराकर उनकी जमीन हथिया लेते हैं। भैरोलाल के मामले में भी इस तरह की चर्चा है कि उसने पांच हजार रुपये का कर्ज लिया था और तीस हजार रुपये चुका दिए इसके बाद भी दबंग उसकी जमीन नहीं
छोड़ रहे हैं। ईसागढ़ अनुभाग में ऐसे कई आदिवासी व्यक्ति हैं जो अपनी जमीन पाने के लिए भटक रहे हैं। जनसुनवाई में ही राम सिंह पुत्र पुन्ना आदिवासी निवासी ग्राम धनवारा, लल्ला पुत्र शिवराज सहरिया निवासी शाहपुर, धर्मेन्द्र पुत्र कोमल, दुज्जो बाई आदिवासी निवासी श्यामाटोरी, काशीबाई पति नारायण सिंह आदिवासी, रीना बाई पति तुलसीराम आदिवासी निवासी नरसूखेड़ी, मनकीबाई पत्ति पीतम सिंह आदिवासी निवासी कमलाबदा आदि ने अपनी जमीनों पर कब्जे की शिकायतें की हैं।
भैरो सिंह भी फंसा प्रशासन की सुस्ती कार्यप्रणाली के भंवर जाल में
प्रशासनिक अधिकारी आदिवासियों की जमीनों से जुड़े मामलों को कितनी लापरवाही से ले रहे हैं इसका अंदाजा ईसागढ़ अनुविभाग के अंतर्गत आने वाले नईसरांय तहसील क्षेत्र के ग्राम कुरायला निवासी भैरोलाल पुत्र पुन्ना आदिवासी के मामले से लगाया जा सकता है। भैरोलाल के मुताबिक वह पिछले तीन साल से परेशान है और करीब 50 बार आवेदन दे चुका है। एसडीएम से भी जाकर मिला लेकिन वह मौके पर आने का बोल देते हैं लेकिन कभी आए नहीं। भैरोलाल ने फोन पर चर्चा करते हुए बताया कि तहसीलदार और पटवारी आए थे मुझसे कोरे कागज पर साइन करने को कह रहे थे लेकिन मैंने साइन नहीं किए। आदिवासी से कोरे कागज पर साइन कराने की बात से राजस्व अधिकारी-कर्मचारी की मंशा पर सवाल उठता है साथ ही यह भी कि उन्हें कोरे कागज पर साइन कराने के निर्देश किसने दिए।