राष्ट्रीय राजमार्ग 130 में सड़क पेट्रोलिंग टीम की लापरवाही आई सामने, बड़ा हादसा टला, बाल-बाल बचा परिवार, मृत मवेशी से टकराई कार: NN81

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राष्ट्रीय राजमार्ग 130 में सड़क पेट्रोलिंग टीम की लापरवाही आई सामने, बड़ा हादसा टला, बाल-बाल बचा परिवार, मृत मवेशी से टकराई कार: NN81

06/05/2025 | मई 06, 2025 Last Updated 2025-05-06T14:16:43Z
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 Reported By: Praveen kumar 

Edited By: Abhishek Vyas @abhishekvyas9


राष्ट्रीय राजमार्ग 130 में सड़क पेट्रोलिंग टीम की लापरवाही आई सामने, बड़ा हादसा टला, बाल-बाल बचा परिवार, मृत मवेशी से टकराई कार: 

कटघोरा:- शनिवार की रात राष्ट्रीय राजमार्ग 130 पर एक गंभीर लापरवाही सामने आई, जब कटघोरा ढेलवाडीह निवासी एक परिवार की कार सड़क पर पड़े मृत मवेशी से टकरा गई। गनीमत रही कि वाहन की गति सीमित थी, अन्यथा यह हादसा एक बड़ी त्रासदी में बदल सकता था। जानकारी के अनुसार, कटघोरा के ढेलवाडीह निवासी मुकेश सिंह उसरवर्षा अपने पिता और छोटे भाई के साथ बिलासपुर से विवाह समारोह में शामिल होकर लौट रहे थे। रात लगभग 10 बजे उनकी कार गतौरी ग्राम स्थित सीमा फ्यूल्स के पास हाईवे के डिवाइडर समीप पड़े एक मृत मवेशी से जा टकराई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार के परखच्चे उड़ गए, लेकिन सौभाग्यवश सभी लोग सुरक्षित रहे। मुकेश के छोटे भाई को मामूली चोटें आई हैं।

बताया गया कि घटनास्थल ‘ब्लैक स्पॉट’ होने के पश्चात भी चिन्हित नहीं है, और हैरानी की बात यह है कि उक्त  मृत मवेशी सुबह से ही सड़क पर पड़ा था, बावजूद इसके एन.एच.ए.आई की पेट्रोलिंग टीम ने कोई कार्रवाई नहीं की। हादसे के करीब एक घंटे बाद टीम मौके पर पहुंची और मृत मवेशी को हटाने का कार्य शुरू किया।

प्रत्यक्षदर्शियों ने तत्काल 112 नंबर पर सूचना दी और वाहन को सड़क से किनारे हटाया । पीड़ित परिवार के अनुसार स्थानीय शराबी ग्रामीणों का तांता दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी से समान चुराने उमड़ पड़ा, सुस्त पड़ी एन.एच.ए.आई की पेट्रोलिंग व्यवस्था पर सवाल उठता है कि 30 किलोमीटर अंतराल जब दो-दो टोल प्लाजा से वसूली की जा रही है, तो सड़क की सुरक्षा और साफ-सफाई में इतनी लापरवाही क्यों ? रायपुर-अंबिकापुर राष्ट्रीय राज्यमार्ग 130 के राहगीरों का आरोप है कि यह केवल लापरवाही नहीं बल्कि आम जनों की जान के साथ खिलवाड़ है। पेट्रोलिंग कर्मियों से पूछताछ पर केवल बहानेबाज़ी देखने को मिली। यह घटना एन.एच.ए.आई की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करती है और इधर उधर सड़क पर भटकटे पशुओं की समस्या पर ठोस नीति की आवश्यकता को उजागर करती है।