रायपुर में गोस्वामी समाज के लिए बनेगा समाजिक भवन, उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने की 25 लाख रुपए की घोषणा की: NN81

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रायपुर में गोस्वामी समाज के लिए बनेगा समाजिक भवन, उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने की 25 लाख रुपए की घोषणा की: NN81

05/05/2025 | मई 05, 2025 Last Updated 2025-05-05T06:21:08Z
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 Reported By: Vinod Khedule 

Edited By: Abhishek Vyas @abhishekvyas9


जगद्गुरु स्वामी शंकराचार्य जी ने दिया अद्वैत वेदांत का मंत्र, ईश्वर ही एकमात्र सत्य है, और हम सभी उस परम सत्य का अंश हैं : उप मुख्यमंत्री अरुण साव

आदि शंकराचार्य जी ने सनातन धर्म एवं अद्वैत वेदांत से संपूर्ण भारत को एक सूत्र में बांधा : डिप्टी सीएम अरुण साव

रायपुर। जगद्गुरु स्वामी शंकराचार्य जी का जीवन हम सभी  के लिए एक प्रेरणास्रोत है। उन्होंने मात्र 32 वर्ष की अल्पायु में सनातन धर्म को न केवल फिर से जीवित किया, बल्कि उसे एक दार्शनिक और सामाजिक आधार भी प्रदान किया। उनके अद्वैत वेदांत का सिद्धांत हमें सिखाता है कि "ब्रह्म सत्यं, जगत् मिथ्या" - अर्थात्, ईश्वर ही एकमात्र सत्य है, और हम सभी उस परम सत्य का अंश हैं। उन्होंने दशनाम संप्रदाय की स्थापना कर हमें एक संगठित ढांचा दिया, जिस पर आज हमें गर्व हैं।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने ये बातें रायपुर के शहीद स्मारक भवन ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ सनातन दशनाम गोस्वामी समाज द्वारा आयोजित जगद्गुरु शंकराचार्य जयंती उत्सव समारोह में कही। उन्होंने आगे कहा कि, जगद्गुरु स्वामी शंकराचार्य जी ने सनातन धर्म एवं अद्वैत वेदांत से संपूर्ण भारत को एक सूत्र में बांधा। आज उनके आदर्शों को छत्तीसगढ़ सनातन दशनाम गोस्वामी समाज आगे बढ़ा रहा है। 

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि, आज सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्य कमजोर पड़ रहे हैं, हमें शंकराचार्य जी के संदेश को और अधिक प्रभावी ढंग से जन-जन तक पहुंचाना होगा। हमारी युवा पीढ़ी को सनातन धर्म के महत्व से अवगत कराना होगा। उन्होंने कहा कि, हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम जगद्गुरु शंकराचार्य जी के आदर्शों को अपने जीवन में उतारेंगे और छत्तीसगढ़ में सनातन को और अधिक सशक्त बनाएंगे। समारोह में उप मुख्यमंत्री श्री साव ने समाज के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं एवं विशेष उपलब्धि हासिल करने वाले समाज के गौरव को सम्मानित किया। साथ ही रायपुर में समाजिक भवन के निर्माण के लिए 25 लाख रुपए की घोषणा की। 

इस अवसर पर महंत डॉ. रामसुंदर दास जी, महंत श्री विवेक गिरी जी, श्री मोहन पुरी जी, डॉ. संजय गिरी जी, श्री सुंदर बन जी, श्री प्रभाकर कृष्ण बन जी, श्री वेदपुरी गोस्वामी जी, श्री योगेंद्र पुरी जी, श्री रमेश पुरी जी, श्री कोमल गिरी गोस्वामी जी, डॉ. श्रीकांत गिरी जी सहित समाज के पदाधिकारी एवं सामाजिक जन उपस्थित रहे।