हरदा ज़िले के सिराली स्थित 30 बिस्तरों वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। केंद्र पर चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी है, जिससे आम मरीजों के साथ-साथ आपातकालीन एवं गर्भवती महिलाओं को भी गंभीर संकटों का सामना करना पड़ता है।
केवल दो डॉक्टरों के भरोसे पूरा स्वास्थ्य केंद्र
स्वास्थ्य केंद्र में फिलहाल केवल दो डॉक्टर कार्यरत हैं जो अस्पताल के साथ फील्ड का कार्य भी देख रहे हैं। प्रतिदिन 150 से 200 मरीजों की ओपीडी, आकस्मिक चिकित्सा और एमएलसी सेवाएं इन्हीं सीमित संसाधनों के सहारे संचालित की जा रही हैं।
स्वास्थ्य केंद्र में 5 विशेषज्ञ डॉक्टरों, जिसमें स्त्रीरोग, शिशुरोग, मेडिसिन, सर्जरी एवं निश्चेतना विशेषज्ञ के पद है,पर किसी भी डॉक्टर की पदस्थापना नहीं है।
गर्भवती महिलाओं एवं नवजात बच्चों की जान जोखिम में
गंभीर बात यह है कि आपातकालीन स्थिति में गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को जिला अस्पताल रेफर करना पड़ता है। लेकिन एंबुलेंस की कमी और समय पर उपलब्ध न होने की वजह से इसमें दो से तीन घंटे तक लग जाते हैं। कई बार यह देरी गर्भवती महिला और शिशु दोनों की जान पर भारी पड़ सकती है।
लैब टेक्नीशियन एवं रेडियोग्राफर के पद खाली होने के कारण वर्षों पुरानी एक्सरे मशीन धूल खा रही है और मरीजों को जांच के लिए निजी लैब पर निर्भर रहना पड़ता है।
रिक्त पद और स्थानांतरित डॉक्टर
पूर्व में सिराली में सेवाएं दे रहे डॉक्टर संदीप पटेल हंडिया और डॉक्टर हर्ष पटेल रहटगांव में अटैच हैं। स्टाफ नर्सों की भी दूसरे स्थानों पर अटैचमेंट होने से अस्पताल की सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
डॉक्टर रूपेंद्र गुर्जर की वापसी की मांग
डॉक्टर रूपेंद्र गुर्जर, जो सिराली में वर्षों तक सेवाएं दे चुके हैं और हाल ही में शिशु रोग विशेषज्ञ का कोर्स पूरा कर जिला अस्पताल में पदस्थ किए गए हैं, उन्हें सिराली में वापस लाने की मांग ज़ोर पकड़ रही है। जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों का कहना है कि उनकी विशेषज्ञता का लाभ सिराली क्षेत्र को मिलना चाहिए।
राज्य स्तर के मानकों से बहुत पीछे सिराली
राज्य स्तरीय मानव संसाधन मानकों के अनुसार इस केंद्र पर 5 विशेषज्ञ डॉक्टर, 3 चिकित्सा अधिकारी, 10 नर्सिंग स्टाफ, 2 लैब टेक्नीशियन, 1 नेत्र सहायक, 1 रेडियोग्राफर समेत कुल 41 कर्मचारियों की जरूरत है, जबकि वर्तमान स्थिति बेहद दयनीय है।
जनता और जनप्रतिनिधियों की अपील
ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि सिराली स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए तत्काल स्टाफ की पूर्ति की जाए, विशेषज्ञ डॉक्टरों की पदस्थापना की जाए, और गर्भवती महिलाओं के लिए समय पर एंबुलेंस सेवाएं सुनिश्चित की जाएं।