मदनलाल बर्मन रिपोर्ट
उमरिया जिले के तीनों जनपद पंचायतों करकेली, मानपुर और पाली — से आए सैकड़ों ग्राम रोजगार सहायकों ने सोमवार को अपनी विभिन्न लंबित मांगों को लेकर रैली निकाली और मुख्यमंत्री के नाम जिला पंचायत सीईओ को ज्ञापन सौंपा। ग्राम रोजगार सहायक संघ के बैनर तले आयोजित इस आंदोलन की शुरुआत नए बस स्टैंड से हुई, जो जिला पंचायत कार्यालय पर पहुंचकर समाप्त हुई।
ज्ञापन में रोजगार सहायकों ने अपने संविलियन, वेतनमान, सेवा शर्तें और सुरक्षा से जुड़े कुल 18 प्रमुख मुद्दों को शामिल किया। उन्होंने मांग की कि ग्राम रोजगार सहायकों को पंचायत सहायक सचिव के पद पर संविलित करते हुए पंचायत सचिवों की तरह जिला संवर्ग में शामिल किया जाए और उन्हें निश्चित ग्रेड पे सहित नियमित वेतनमान प्रदान किया जाए।
इसके अलावा दिवंगत ग्राम रोजगार सहायकों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति, ₹10 लाख की मृत्यु सहायता राशि, और समय पर मानदेय भुगतान सुनिश्चित करने जैसी मांगें भी उठाई गईं। संघ ने यह भी कहा कि मनरेगा की प्रकृति को लक्ष्य आधारित न माना जाए तथा केवल ग्राम रोजगार सहायकों को टारगेट बनाकर मानसिक उत्पीड़न रोका जाए।
संघ ने वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्ष 2023 में महापंचायत के दौरान की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन की भी मांग की। इनमें पदनाम परिवर्तन, सचिवों जैसी सेवा शर्तें, और सचिव पद की भर्ती में 50% आरक्षण शामिल हैं।
महिलाओं के लिए भी विशेष मांगें
ज्ञापन में महिला ग्राम रोजगार सहायकों के लिए भी विशेष मांग की गई कि विवाह, विधवा या तलाक की स्थिति में उन्हें उनके ससुराल या मायके वाले जिले में स्थानांतरित किया जाए। इसके अलावा गंभीर बीमारी की स्थिति में भी स्थानांतरण की सुविधा दिए जाने की मांग रखी गई।
संघ ने स्पष्ट किया कि यदि मांगें शीघ्र पूरी नहीं की गईं तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।