रेलवे टिकट के अवैध धंधे में संलिप्त आरक्षण केंद्र का कर्मचारी गिरफ्तार, मुंबई, दिल्ली और चेन्नई के रैकेट से जुड़ा है नेटवर्क - NN81

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रेलवे टिकट के अवैध धंधे में संलिप्त आरक्षण केंद्र का कर्मचारी गिरफ्तार, मुंबई, दिल्ली और चेन्नई के रैकेट से जुड़ा है नेटवर्क - NN81

27/06/2025 | जून 27, 2025 Last Updated 2025-06-27T17:47:37Z
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संवादाता:कृष्णा कुमार


सूरजपुर छत्तीसगढ़/विश्रामपुर रेल यात्रियों के लिए आरक्षण केंद्रों की भीड़ और टिकट न मिलने की समस्या के पीछे छिपी सच्चाई सामने आ गई है। रेलवे सुरक्षा बल की अपराध गुप्तचर शाखा अनूपपुर की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध रेलवे टिकट कारोबार में लिप्त एक सरकारी कर्मचारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। पूछताछ में आरोपी ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसका नेटवर्क महानगरों में संचालित रैकेट से जुड़ा है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

रेलवे पुलिस ने बताया कि रेल टिकट के अवैध कारोबार में लिप्त बैकुंठपुर शहरी रेलवे आरक्षण केंद्र में पदस्थ कोरिया जिले के चरचा थाना क्षेत्र अंतर्गत नवापारा सरडी के वार्ड क्रमांक 17 निवासी 33 वर्षीय अविनाश कुमार पिता शंभू सिंह को मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार किया गया है।

रेल टिकटों के अवैध कारोबार में पकड़े गए कर्मचारी अविनाश कुमार ने पूछताछ में बताया कि वह अंबिकापुर निवासी संजय कुमार विश्वकर्मा के कहने पर रेलवे का टिकट बनाता था। संजय कुमार विश्वकर्मा हमेशा बनारस, मुंबई, हावड़ा, दिल्ली, चेन्नई आदि बड़े जगहों की टिकट बनवाता था, जिसके एवज में उसे अच्छी खासी रकम भी देता था।

कर्मचारी के कब्जे से बड़ी मात्रा में अवैध रेल टिकट भी जब्त किया गया है। कर्मचारी अविनाश के कबूलनामे से साफ हो गया है कि इस अवैध धंधे का नेटवर्क बेहद व्यापक है।


महानगरों से संचालित हो रहा रैकेट

सूत्रों के अनुसार यह रैकेट मुंबई, हावड़ा, दिल्ली और चेन्नई जैसे शहरों से संचालित हो रहा है, जहां बैठे मास्टरमाइंड स्थानीय कर्मचारियों की मिलीभगत से टिकटों का खेल चला रहे हैं। यह गिरोह आरक्षण केंद्रों पर लगने वाली लंबी कतारों और टिकट न मिलने की समस्या का भरपूर फायदा उठा रहा था। इस पूरी कार्रवाई में सहायक उप निरीक्षक आरके साहू और प्रधान आरक्षक भूपेंद्र कुमार तिवारी की भूमिका रही।


रेल अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई

रेल पुलिस ने मामले में रेल अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई करते हुए अविनाश को गिरफ्तार कर लिया है और पूरे रैकेट की जांच शुरू कर दी है। अब इस अवैध कारोबार का मुख्य सरगना सहित इसमें कितने लोगों की सहभागिता है, इसकी गुप्तचर विभाग बारीकी से पड़ताल कर रही है।

रेल पुलिस ने बताया कि आम यात्रियों को टिकट न मिलने की वजह से उठती परेशानी का एक बड़ा कारण अब सामने आया है। अवैध टिकट बिक्री से रेलवे को भारी राजस्व नुकसान होता है। रेलवे सुरक्षा बल अब संजय कुमार विश्वकर्मा और अन्य संभावित आरोपियों की तलाश में जुट गया है।