संवाददाता अभिषेक अग्रवाल 8602129526
उमरिया जिले के बिरसिंहपुर और नौरोजाबाद क्षेत्र में शराब माफिया का मनोबल इस कदर बढ़ गया है कि अब खुलेआम कानून की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। शराब ठेकेदार द्वारा एमआरपी से अधिक दामों पर शराब बेची जा रही है, और हैरानी की बात यह है कि यह सब कुछ आबकारी विभाग की नाक के नीचे हो रहा है। ठेकेदार द्वारा गली-गली शराब की पैकारी करवाई जा रही है, जिसमें दोपहिया वाहनों का जमकर इस्तेमाल हो रहा है।
स्थानीय नागरिकों के अनुसार, बिरसिंहपुर और नौरोजाबाद क्षेत्र में शाम होते ही ठेकेदार के कथित कर्मचारियों द्वारा मोटरसाइकिल पर शराब की होम डिलीवरी शुरू हो जाती है। मोहल्लों, चौराहों, यहां तक कि स्कूल-कॉलेजों के आसपास तक शराब की खुली बिक्री हो रही है। शराब की बोतलों पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) को दरकिनार करते हुए 10 से 50 रुपये तक अधिक वसूला जा रहा है।
ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों का आरोप है कि यह सब कुछ स्थानीय आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है। ठेकेदार द्वारा बिरसिंहपुर और नौरोजाबाद आसपास के क्षेत्रों में शराब वितरण का ठेका लिया जा रहा है, जिससे क्षेत्र में एकतरफा माफिया राज बन गया है।
शिकायत के बावजूद नहीं होती ठोस कार्रवाई
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब भी इस तरह की अवैध बिक्री की शिकायत की जाती है, तो महज दिखावे के लिए एक-दो बोतलें जब्त कर कार्रवाई का ढोल पीटा जाता है। लेकिन वास्तविक माफिया और उनका नेटवर्क आज भी पूरी ताकत से सक्रिय है।
स्कूल-कॉलेजों के पास भी बिक रही शराब
सबसे चिंताजनक स्थिति यह है कि शराब की यह अवैध बिक्री शिक्षण संस्थानों के पास तक हो रही है। युवाओं को आसानी से शराब उपलब्ध हो रही है, जिससे क्षेत्र में अपराध, झगड़े और सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है।
आबकारी विभाग पर उठते सवाल
पूरे मामले में आबकारी विभाग की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या विभाग को इस अवैध गतिविधि की जानकारी नहीं है, या फिर जानबूझकर आंखें मूंद रखी हैं? नागरिकों का मानना है कि विभागीय अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से ही यह कारोबार फल-फूल रहा है।
जनता की मांग — ठेकेदार पर हो सख्त कार्रवाई
जनता अब इस माफियागिरी के खिलाफ एकजुट हो रही है। लोगों की मांग है कि जिले के कलेक्टर और एसपी खुद मामले में हस्तक्षेप कर ठेकेदार की पैकारी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाएं और आबकारी विभाग की निष्क्रियता की भी जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाए।शराब के नाम पर जो अवैध कारोबार फल-फूल रहा है, वह केवल एक ठेकेदार की मनमानी नहीं बल्कि सिस्टम की चुप्पी का परिणाम है। अगर अब भी जिला प्रशासन और आबकारी विभाग ने सख्ती नहीं दिखाई, तो आने वाले समय में यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है।