संवाददाता क्राइम, सिद्धार्थ सिंह पालीवाल, लखनऊ उत्तर प्रदेश
सुशांत गोल्फ सिटी में चकबंदी बाबू की आत्महत्या को लेकर परिजन भी हैरान हैं। उनका कहना है कि वह आत्महत्या नहीं कर सकते इसकी कोई वजह भी नहीं है।
उत्तर प्रदेश चकबंदी निदेशालय मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष व चकबंदी मुख्यालय में तैनात बाबू आशियाना सेक्टर-जे निवासी राजकुमार सिंह (52) की मौत के मामले में पुलिस को सबसे पहली सूचना उनके कार चालक ने दी। चालक की सूचना पर परिजन भी शहीद पथ स्थित उनके प्लॉट पर पहुंचे। प्लॉट में बने कमरे के अंदर उनका शव पड़ा था। उनके सिर में गोली लगी थी और दाहिने हाथ में रिवॉल्वर था।
डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि प्रथम दृष्टया राजकुमार सिंह की मौत आत्महत्या लग रही है। उनके पास से एफएसएल टीम को सुसाइड नोट मिला है। नोट में उन्होंने खुद को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है। उनके पास से मिली रिवॉल्वर लाइसेंसी लगी रही है। एफएसएल टीम ने रिवाल्वर व सुसाइड नोट को जांच के लिए भेजा है। उधर, परिजनों का कहना है कि राजकुमार सिंह के पास लाइसेंसी असलहा नहीं था। उसके पास रिवॉल्वर कहां से आया, किसी को कुछ नहीं पता। पुलिस ड्राइवर को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। घटनास्थल को कवर कर दिया गया है। फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वाड ने घटनास्थल की जांच कर साक्ष्य एकत्र कर लिए हैं।
मौसेरे भाई ने बोला किसी से रंजिश नहीं
ड्राइवर की सूचना पर घटनास्थल पर पहुंचे मौसेरे भाई पंकज सिंह ने बताया भाई राज उत्तर प्रदेश चकबंदी कर्मचारी संघ के पिछले 25 साल से निर्विरोध अध्यक्ष थे। वी काफी खुश मिजाज व्यक्ति थे, उनके पास कोई भी लाइसेंसी रिवाल्वर या अन्य कोई हथियार नहीं था। किसी से रंजिश का तो पता नहीं लेकिन आत्महत्या नहीं कर सकते थे।