टहरौली न्यूज नेशन 81 से धर्मेन्द्र कुमार की रिपोर्ट सिटी झांसी
झांसी के मोठ ट्रामा सेंटर से एक ऐसी खबर सामने आई है जो न सिर्फ़ चौंकाती है, बल्कि समाज के उस अंध विश्वास को भी बेनक़ाब करती है जहां ज़हर से ज़्यादा भरोसा खुद की ताक़त पर किया जाता है। ‘नाथ’ कहलाने वाले सुनील नाथ ने सोचा कि वो सर्प के ज़हर पर भारी है, लेकिन गुरुवार देर रात्रि लगभग 11 बजे ज़हर ने ज़िन्दगी छीन ली और पीछे छोड़ गया मातम, आँसू और एक बड़ा सवाल...
ये कहानी है झांसी के टहरौली थाना क्षेत्र के पिपरा गांव की...जहां 30 साल का सुनील नाथ खेत से लौटा तो उसके चेहरे पर घबराहट थी...
उसने परिजनों से कहा – "सांप ने डस लिया है..."पर सुनने वालों ने सोचा... नाथ है, सुनील को कुछ नहीं होगा...नाथ खुद भी यही सोच रहा था — "जहर क्या बिगाड़ेगा मेरा?" शुरू हुआ झाड़-फूंक का सिलसिला...गांव की मान्यताओं का तमाशा...सांप का ज़हर उतारने की कोशिश, लेकिन वक्त हाथ से फिसलता चला गया...सुनील की धड़कनें धीमी पड़ीं, सांसें डगमगाईं, और देखते ही देखते –सुनील अचेत हो गया...भागे परिजन, मंगाई गई एंबुलेंस...मोठ ट्रामा सेंटर पहुंचे...
लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी...डॉक्टरों ने कहा — "अब कुछ नहीं बचा..." और यही वो लम्हा था, जब पूरा परिवार चीख पड़ा...
जिसकी रगों में नाथों का गुरूर बहता था, वही गुरूर, उसी के प्राण ले गया... "अंधविश्वास कभी-कभी मौत से भी ख़तरनाक साबित होता है...जहरीले नाग को मामली समझने की भूल मत करना,
ज़िन्दगी एक बार जाती है... विज्ञान को नजरअंदाज मत करो।" वही शुक्रवार को सुबह 10 बजे पुलिस ने शव का पंचायत नामा भरकर पोस्टमार्टम को भेज दिया।