कोरबा से अजय तिवारी की रिपोर्ट
नगर निगम के विपक्षी पार्षदों ने वार्डों के विकास में भेदभाव का आरोप लगाया है। किसी वार्ड में 4 से 5 कार्य हो रहे हैं तो किसी वार्ड में एक भी कार्य नहीं किया जा रहा है। कमीशन के चक्कर में अनावश्यक व अनुपयोगी कार्य करा फिजूलखर्ची कर निगम को आर्थिक क्षति पहुंचाने की बात पार्षदों ने कही है।
निगम नेता प्रतिपक्ष कृपा राम साहू सहित पार्षद मुकेश राठौर, रवि सिंह चंदेल, बद्री किरण, प्रीति दिनेश शर्मा, सुभाष कुमा राठौर, सिमरनजीत कौर, सुखसागर निर्मलकर, अनुज
जायसवाल, डॉ. गोपाल अयोध्यया कंवर, बहत्तर सिंह कंवर, टामेश अग्रवाल, नारायण लाल कुरें व रामकुमार साहू के हस्ताक्षरमय ज्ञापन में कहा गया है कि नगर पालिक निगम अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर पा रहा है। मूलभूत सुविधाओं से जनता त्रस्त और महापौर मस्त है। पार्षदों का कहना है कि नगर निगम के 67 वार्डों में जल आपूर्ति बाधित है। शिकायत किए जाने पर तकनीकी खराबी व अन्य बहाना बनाकर 3 से 4 दिनों तक जल आपूर्ति बाधित कर दिया जाता है। साथ ही सप्लाई किए जाने वाला पानी पीने योग्य नहीं रहता है। लोगों को मजबूरी में गन्दा पानी पीना पड़ता निगम के 67 वार्डों में स्ट्रीट लाइट के लिए वार्डवासी परेशान है। पूरा शहर अंधेरे में रहने को मजबूर है। आश्चर्य की बात तो यह कि सिर्फ कमीशन के चक्कर में शहर के चौक चौराहों की जलती हुई लाइट को बदला जा रहा है। लेकिन विभिन्न वार्डों की बस्तियों में जहां स्ट्रीट लाइट की अति आवश्यकता है। वहां बरसात के दिनों में लोग डर के माहौल में रह रहे हैं। कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है। सुशासन तिहार में मिले आवेदन के जवाब में निराकरण दर्ज कर संबंधित स्थानों पर अभी तक लाइट नहीं लगाई गई है। विभिन्न वार्डों के नाली नाला हाट बाजार में गंदगी फैल रही है। शिकायत करने पर गरीब व्यापारियों से 200 से 1000 रुपए तक वसूली की जाती है। साथ ही सब्जी व्यापारियों को हाट बाजारों में डस्टबिन रखने के लिए कहा जाता है। जबकि पहले से 2 से 3 गुना सफाई का खर्च
बढ़ा दिया गया है। इसके बाद भी सफाई व्यवस्था सही तरीका से नहीं हो पा रही है। उनका कहना है कि समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।