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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा विकसित भारत के निर्माण के लिए जनजाति लोगों के लिए आदि कर्मयोगी अभियान की शुरूआत की गई है-NN81

 लोकेशन राजस्थान जयपुर रिपोर्टर रोहित कुमारसिंधी

 जिसके तहत पूरे देश में एक लाख जनजाति बाहुल्य गांवों में प्रत्येक गांव में 20 व्यक्तियों को चयनित किया जाकर आदि सहयोगी एवं आदि साथी के रूप में कार्य करवाना है। आदि कर्मयोगी विकसित भारत के लिए आन्दोलन है जो सेवा, समर्पण एवं और संकल्प से प्रेरित है, जो जनजातीय क्षेत्रों में उत्तदायी शासन एवं अंतिम छोर तक सेवा संतृप्ति सुनिश्चित करता है। इस अभियान अन्तर्गत़ जयपुर जिलें में 10 ब्लॉकों में 177 गांवों का चयन किया गया है।भारत के 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 10.5 करोड़ से ज्यादा आदिवासी नागरिकों का घर है, जो सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील भौगोलिक क्षेत्रों में रहते हैं। दशकों के निवेश और अनेक योजनाओं के बावजूद स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, आजीविका, जल और शासन-प्रशासन में व्यवस्थागत कमियाँ बनी हुई हैं। माननीय प्रधानमंत्री महोदय ने इन स्थायी चुनौतियों का समाधान करने और अंतिम छोर तक शासन और जन-केंद्रित विकास के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय ने आदिवासी क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर शासन और सेवा वितरण में आमूल-चूल परिवर्तन लाने के मिशन के रूप में आदि कर्मयोगी अभियान शुरू किया है, जिसकी अवधि 2030 तक रखी गई है। 

यह कार्यक्रम माननीय प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में बीटा संस्करण के रूप में शुरू किया गया है और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, आदि कर्मयोगी अभियान के साथ संरेखित है। यह मिशन बहु-विभागीय अभिसरण को उत्प्रेरित करेगा, सहभागी शासन को गहन करेगा और शासन के एक निचले स्तर, जन-संचालित पारिस्थितिकी तंत्र के माध्यम से सार्वजनिक संस्थानों में विश्वास का पुनर्निर्माण करेगा। जिसके लिए जिला एवं ब्लॉक स्तर पर पर 5 विभागों (महिला एवं बाल विकास विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, वन विभाग) के कुल 69 अधिकारी/कर्मचारियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में नियुक्त किया गया है। ग्राम स्तरीय कर्मचारियों में ग्राम पंचायत में स्थित ग्रामसेवक, पटवारी, आंगनबाडी कार्यकर्ता, पशुधन सहायक, प्रधानाध्यापक, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग का कर्मचारी विद्युत विभाग का कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता, एएनएम, साथिन, कृषि पर्यवेक्षक, वनपाल, सहकारिता में ग्राम सेवा सहकारी समिति का व्यवस्थापक एवं राजीविका में बने हुए ग्रुप की महिला अध्यक्ष की शामिल करते हुए उस ग्राम पंचायत के उरोक्त कर्मचारियों का धरती आबा में चयनित ग्राम के लिए आदि कर्मयोगी के रूप में चयन किया जा रहा है। वहीं, 

ग्राम स्तर पर उस ग्राम के निवासी युवा, ग्राम में कार्यरत अध्यापक, डॉक्टर एवं अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं में से आदि सहयोगी का चयन किया किया जा रहा है। इसी प्रकार धरती आबा योजना में चयनित ग्राम से आदि साथी के लिए उसका ग्राम के वार्डपंच, सरपंच, स्वयंसेवी संस्था के सदस्य एवं गांव में रहने वाले मोहल्लावार, ग्रामीण पटेल/मुखिया/गमेती का आदि साथी के तौर पर चयन किया जा रहा है। आदि कर्मयोगी अभियान को निम्न राष्ट्रीय प्रमुख मिशनों के साथ तालमेल बिठाने के लिए पीएम-जनमन, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन मिशन, ईएमआरएस विस्तार और छात्रवृत्ति अभियानों के साथ डिजाइन किया गया है।

धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत् जिलें के 177 गांवों में जनजाति वर्ग के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान हेतु जन चेतना के उद्देश्य से अभियान में शामिल 17 विभागों से सम्बिंधत 25 गतिविधियों के सम्मिलन से क्रियान्वयन किया जा रहा है। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत् दिनांक 15 जून 2025 से 30 जून 2025 तक ’’जागृति एवं लाभ संतृप्ति कैम्पों’’ का आयोजन किया गया है।

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