*त्रि-स्तरीय पंचायतों-नगरीय* *निकायों के उप निर्वाचन 2023 (उत्तरार्द्ध)*
*आदर्श आंचरण संहिता का सभी शासकीय अधिकारी/कर्मचारी पालन सुनिश्चित करें*
धार जिला संवाददाता महेश सिसोदिया
धार्- कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी (स्थानीय निर्वाचन) श्री प्रियंक मिश्रा ने जिले में त्रि-स्तरीय पंचायतों / नगरीय निकायों के उप निर्वाचन 2023 (उत्तरार्द्ध) हेतु निर्वाचन कार्यकम की घोषणा के साथ ही नगर परिषद डही, माण्डव एवं जनपद पंचायत धार, तिरला, सरदारपुर, बदनावर, मनावर, गंधवानी, उमरबन, धरमपुरी, डही, बाग, निसरपुर जिला धार के संबंधित क्षेत्र में आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गई है। जिसमें म.प्र. राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार शासकीय कर्मचारियों को चुनाव में बिल्कुल निष्पक्ष रहना चाहिये। यह आवश्यक है कि वे किसी को यह महसूस न होने देंवे कि वह निष्पक्ष नहीं हैं। जनता को उनकी निष्पक्षता का विश्वास होना चाहिये तथा उन्हें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिये जिससे ऐसी आशंका भी हो कि वे किसी दल या उम्मीदवार की मदद कर रहे हैं। संक्षेप में शासकीय कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के चुनाव अभियान या प्रचार में भाग नहीं लेना चाहिये। तथा उन्हें यह देखना चाहिये कि उनकी सरकार में हैसियत या अधिकारों का लाभ कोई दल या उम्मीदवार न ले सके। निर्वाचन में किसी अभ्यर्थी के लिये कार्य करना म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के प्रावधानों के विपरीत हैं। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 129 एवं 134 क की ओर विशेष रूप से आपका ध्यान आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार निर्वाचन के दौरान अधिकारी, कर्मचारी न तो किसी अभ्यर्थी के लिये कार्य करेगें और न मत डालने में कोई असर डालेगें। इसके अतिरिक्त कोई शासकीय सेवक निर्वाचन अभिकर्ता, मतदान अभिकर्ता या गणना अभिकर्ता के रूप में कार्य नहीं की कर सकता हैं।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 28 क के अधीन निर्वाचन के संचालन के लिये नियोजित समस्त अधिकारी कर्मचारी तथा राज्य सरकार द्वारा पदाभिहित पुलिस अधिकारी निर्वाचन के परिणाम घोषित होने तक निर्वाचन आयोग में प्रतिनियुक्ति पर समझे जावेगें और उस समय तक निर्वाचन आयोग के नियंत्रण, अधीक्षण और अनुशासन के अधीन रहेगें । निर्वाचन में सशक्त पदीय कर्तव्य को सुनियोजित तरीके से जिम्मेदारी पूर्वक कराना विधि द्वारा उपेक्षित कर्तव्य है जिसकी अवहेलना शासकीय सेवक को दण्ड का पान्न बनाती हैं। उपरोक्तानुसार आयोग द्वारा जारी की गई आदर्श आंचरण संहिता का सभी शासकीय अधिकारी/कर्मचारी इसका पालन सुनिश्चित करें। यह आदर्श आंचरण संहिता आयोग द्वारा निर्धारित तिथि 11 जनवरी 2024 तक प्रभावशील रहेगी।