विदिशा लोकेशन गंजबासौदा
संवाददाता संजीव शर्मा
स्लगन----- मोक्ष का द्वारा गुरु कृपा से ही खुलता है डॉक्टर वेदांती जी महाराज।
गंजबासौदा नगर में जीवाजीपुर स्थित वेदांत आश्रम में श्री राम कथा के प्रसंग में डॉक्टर स्वामी रामकमल दास वेदांती जी महाराज ने श्री रामचरितमानस के बालकांड के प्रकरण में वर्णित गुरु महिमा, सत्संग का महत्व, तथा श्री राम नाम के व्यापक प्रभाव का वर्णन किया।
वेदांती जी ने बताया कि सद्गुरु के बिना किसी भी प्राणी के मोक्ष का द्वार नहीं खुल सकता सद्गुरु के चरणों की रज उसे अंजन के समान है। जिसको लगाने से मानव जीवन के सहज कर्तव्यों का हमें ज्ञान होता है। बिना ज्ञान के किए गए आचरण से ना व्यक्ति का अपना कल्याण होता है ना ही वह दूसरों का कल्याण कर पाता है।
पुराणों में महर्षि नारद, महर्षि वाल्मीकि, महर्षि अगस्त, ऋषियों ने अपने जीवन का परिवर्तन सत्संग से ही बताया है। सत्संग का अर्थ केवल संतो के साथ से ही नहीं बल्कि जो लोग भी ईश्वर की भक्ति करते हैं। अच्छे आचरण करते हैं वे सभी सत्संग से संत ही मिलते हैं।
रामायण में विभीषण, जटायू, और निषाद राज, सबरी, आदि संतों की श्रेणी में आते हैं।