पी जी कॉलेज को यथावत रखते हुए अलग से उचित व्यवस्थाओं के साथ नए कैंपस में खोला जाए विश्वविद्यालय : NN81

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पी जी कॉलेज को यथावत रखते हुए अलग से उचित व्यवस्थाओं के साथ नए कैंपस में खोला जाए विश्वविद्यालय : NN81

19/02/2024 | फ़रवरी 19, 2024 Last Updated 2024-02-19T17:02:45Z
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 *पी जी कॉलेज को यथावत रखते हुए अलग से उचित व्यवस्थाओं के साथ  नए कैंपस में खोला जाए विश्वविद्यालय*




 शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गुना का विश्वविद्यालय में  संविलियन न कर विश्वविद्यालय की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए अलग से नवीन कैम्पस निर्माण करने की मांग पर AIDSO ने सोपा मुख्य मंत्री के नाम कॉलेज प्राचार्य को ज्ञापन ।

  ज्ञापन के माध्यम से AIDSO कॉलेज इकाई  अध्यक्ष देवेंद्र सेन ने बताया कि अभी हाल ही में सरकार द्वारा एक नया आदेश जारी किया गया जिसके तहत शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गुना को तात्या टोपे विश्वविद्यालय बनाये जाने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय की समस्त छात्रों को खुशी है कि हमारे गुना जिले में विश्वविद्यालय खोला जा रहा है । किंतु विश्वविद्यालय खोले जाने के नाम पर 60 साल से संचालित महाविद्यालय को खत्म कर विश्वविद्यालय में संविलियन  किए जाने के निर्णय से क्या छात्र समुदाय का भला हो पायेगा या फिर पहले से प्रवेशित छात्रों की पढ़ाई पर ही संकट खड़ा हो जाएगा। हम बताना चाहते हैं कि गुना  महाविद्यालय में 20 हजार के आसपास छात्र पढ़ाई कर रहे है। जो छात्रों के आंदोलन की वजह से संभव हुआ है। छात्रों ने प्रवेश प्रक्रिया को लेकर , सीट संख्या वृद्धि को लेकर लंबा आंदोलन चलाया है जिसके परिणाम स्वरूप आज महाविद्यालय में 20000 की संख्या में छात्र-छात्राएं का प्रवेश हो पता है। लेकिन विश्वविद्यालय बनने के बाद यह संख्या 2500 से 3000 तक सिमट कर रह जाएगी। बीए , बीकॉम, बीएससी के सामान्य कोर्स बंद हो जाएंगे । स्नातक में सिर्फ ऑनर्स कोर्स ही चलेंगे।एडमिशन के इच्छुक हजारों छात्रों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी । इस बात पर छात्र शिक्षक, अभिभावक व बुद्धिजीवी तवका सभी अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं ।

 विश्वविद्यालय में किसी भी स्नातक कोर्स में अधिकतम 240 एडमिशन होंगे , साथ ही पीजी कोर्स के एक विषय में  20 एडमिशन ही होंगे। जबकि वर्तमान में  बी ए में ही 3700 से ज्यादा एडमिशन है , इसी तरह पीजी की एक विषय में 100 से ज्यादा एडमिशन है। ऐसे में छात्रों का भविष्य अंधकार में आ जाएगा क्योंकि गुना महाविद्यालय बड़े भाग को समेटे हुए है यहां दूर दराज आस पास के 70 - 80 किलोमीटर से छात्र पढ़ने आते हैं। और  गुना महाविद्यालय की बात करे तो  विश्वविद्यालय बनाने के लिए जो न्यूनतम आवश्यकता होती है वह भी यह महाविद्यालय पूरी नहीं कर पा रहा है । 


देवेंद्र सैन ने आगे बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 में जिस तरह से डीम्ड यूनिवर्सिटी बनाने की बात की गई है जो सिर्फ छात्रों से मनमर्जी फीस वसूलने, उनके एग्जाम करवाने आदि की जिम्मेदारी का ही निर्वहन करेगी उसी तर्ज पर इस विश्वविद्यालय को बनाने की सरकार की मंशा है ।

यहां एक सवाल लाजिमी है की सरकार बिना कैंपस के, बिना उचित व्यवस्था के, बिना किसी पूरी प्लानिंग के वह जल्दबाजी में क्यों यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा कर रही है। क्या सिर्फ चुनावी फायदा उठाने के लिए? अगर वास्तविकता में सरकार शिक्षा की चिंता करती तो छात्रों की रुकी हुई छात्रवृत्ति का भुगतान करती, महाविद्यालय में व्याप्त अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए प्रयास करती  शिक्षकों की भर्ती करती, यूनिवर्सिटी खोलना चाह रही है तो उसके लिए कैंपस बनाती, जमीन उपलब्ध कराती, शिक्षकों की स्टाफ की भर्तियां करती लेकिन ऐसा कुछ देखने मे नहीं आ रहा है। मध्य प्रदेश की सरकार भी नाम परिवर्तन करने की प्रक्रिया पर विश्वास करती नजर आ रही है ।


ज्ञापन मे बड़ी संख्या में छात्र छात्राए शामिल हुए।



द्वारा 

शुभम राव 

(सचिव , कॉलेज इकाई AIDSO) 

9977798935