डाउन सिंड्रोम दिवस के अवसर पर बाल रोग विभाग सभागार में गोष्ठी
कानपुर गुरुवार को भारतीय बाल रोग अकादमी कानपुर द्वारा जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज,कानपुर के बाल रोग विभाग सभागार में विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस के अवसर पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में जेनेटिक स्पेशलिस्ट डॉक्टर पूनम सिंह गंभीर ने बताया कि डाउन सिंड्रोम एक आनुवंशिक रोग है,जोकि क्रोमोसोम 21 के जोड़े में एक अतिरिक्त क्रोमोसोम के जुड़ने से उत्पन्न होता है। विश्व में अनुमानित 1000 में से एक बच्चा डाउन सिंड्रोम के साथ पैदा होता है।अगर मां की उम्र 35 वर्ष से अधिक हो तो इसके होने का खतरा बढ़ जाता है। गर्भावस्था के प्रारंभिक चरण में ही स्क्रीनिंग टेस्ट द्वारा इसका पता लगाया जा सकता है।डॉ.अनुराग भारती ने बताया कि डाउन सिंड्रोम से ग्रसित बच्चे का मानसिक और शारीरिक विकास मुख्य रूप से प्रभावित होता है। इसमें बच्चे का कद छोटा,मांसपेशियां शिथिल,नाक एवं चेहरा चपटा,जीभ मोटी एवं बाहर निकली हुई,गर्दन एवं कान छोटे, आंखें बादाम के आकार की हाथ चौड़े एवं छोटे होते हैं।डॉ.अरुण कुमार आर्य ने बताया कि इससे ग्रसित बच्चों में जन्मजात हृदय रोग,थायराइड विकार,स्लीप एपनिया,बहरापन एवं ब्लड कैंसर का खतरा अधिक रहता है। उन्होंने बताया कि इसका पूरी तरह कोई इलाज नहीं है परंतु जल्दी पहचान एवं आधुनिक चिकित्सा शिक्षा पद्धति जैसे फिजियोथैरेपी, ऑक्यूपेशन थेरेपी,स्पीच थेरेपी आदि से इन बच्चों की जीवन प्रत्याशा बढ़ाने एवं जीवन की गुणवत्ता को काफी हद तक बेहतर बनाना संभव हुआ है।आई ए पी अध्यक्ष डॉ यशवंत राव ने बताया कि इन बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने,समान अवसर देने एवं गले लगाने की आवश्यकता है जिससे कि ये एक स्वतंत्र जीवन जी सकें।
कार्यक्रम मैं डॉ नीना गुप्ता, डॉक्टर वी एन त्रिपाठी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे एवं कार्यक्रम का संचालन सचिव डॉ अमितेश यादव ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से ,डॉक्टर वी एन त्रिपाठी डॉक्टर रूपा डालमिया सिंह, डॉक्टर नेहा अग्रवाल,डॉ शैलेन्द्र गौतम,डॉ प्रतिभा सिंह एवं बड़ी संख्या में रेजिडेंट डॉक्टर एवं मरीजों के परिजन उपस्थित रहे। शास्त्री नगर स्थित संकल्प विशेष विद्यालय में आईएपी द्वारा एक अन्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर निधिका पाण्डेय,वा डॉ आशीष विश्वास ने किया।कार्यक्रम में डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों के लिए एक पेंटिंग कंपटीशन का आयोजन किया गया और विजेता छात्रों को पुरस्कार वितरित किए गए। कार्यक्रम में बोलते हुए डॉक्टर निधिका पाण्डेय ने बताया कि डाउन सिंड्रोम से ग्रसित बच्चों को जल्दी एवं सही उपचार मिलने से उनकी आयु प्रत्याशा एवं जीवन की गुणवत्ता मैं काफी हद तक सुधार लाया जा सकता है जिससे कि वह एक स्वतंत्र जीवन जी सकते हैं। इसके लिए समाज में जागरूकता की आवश्यकता है।कार्यक्रम में आईएपी अध्यक्ष डॉक्टर यशवंत राव, प्रधानाचार्य दीप्ति तिवारी एवं बड़ी संख्या में अभिभावक एवं अध्यापक उपस्थित रहे।
संवाददाता: विकास कुमार सिंह कानपुर