प्रवीण कुमार
छत्तीसगढ़ कटघोरा
स्लग :- गौ तस्करी के खिलाफ कटघोरा पुलिस की बड़ी कार्रवाई, गौ तस्करी करते पुलिस ने 9 आरोपियों को किया गिरफ्तार, 31 गाय बरामद।
कोरबा जिले मे गौ तस्करी के मामले थमने के नाम नहीं ले रहा कुछ दिनों पहले ही बांगो क्षेत्र मे गौ तस्करी करते पिकप को पकड़ा गया था वही फिर बीती रात करीब 10 बजे कोरबा जिले के अमलडीहा ग्राम मे स्थानीय गौ सेवकों को गौ तस्करी होने कि सुचना मिली सुचना पर गौ सेवक ऋषभ व साथी वहा पहुचे जहा दो व्यक्ति दर्जनों गाय को बाँध कर रखे हुए थे, दोनों व्यक्ति के नाम अभिषेक सारथी निवासी पुछापारा व सत्यनारायण यादव निवासी बरबसपुर हैँ जो उक्त गायों को पैसे कि लालच मे किसी के कहने पर माजदा वाहन मे डालने के लिए बांध के रखे हुए थे, स्थानीय गौ सेवक ऋषभ सिंह, राजकुमार, सिर भवन, मुकेश, अमित, महेंद्र मौके पर पहुंचे और कटघोरा थाना मे सुचना देते हुए डायल कर 112 को बुलाया गया मौके पर उपस्थित पुलिस कि मदद से बांधे हुए गायों को मुक्त कराकर गौ सेवकों ने अपने सुपुर्द लिया वही तस्करी मे शामिल दोनो युवको से पूछ ताछ कि गई जहा उन्होंने बताया कि उन्हें कुछ पैसे का लालच देकर क्षेत्र मे घूम रहे गायों को बाँधने को कहा गया था जहा वो लगभग दो दर्जन गाये को बांध कर रखे हुए थे आधी रात को मौका देख इन सभी गायों को माजदा वाहन मे लोड करवा कर इन्हे इनके तस्करी माफीया पास भेज दिया जाता। लेकिन गौ तस्कर अपने मंसूबे मे कामयाब होते उससे पहले गौ सेवकों ने तस्करी होने से रोक लिया, इन दोनों युवकों को कटघोरा पुलिस पूछताछ के लिए थाने लेकर गई, जहा कड़ाई से पूछताछ पर और लोगो के नाम सामने आये जो मुख्य तस्कर थे, कटघोरा पुलिस ने बताया कि कुल 9 आरोपी के नाम सामने आये हैं जो गायों को तस्करी करने के फिराक से बाँध कर रखे हुए थे, 6 आरोपी जशपुर के एवं 3 आरोपी कोरबा जिले के निवासी थे। पुलिस ने आरोपियों से संबंधित पशुओं की जानकारी मांगी तो उनके पास पशुओं से संबंधित कोई भी वैध दस्तावेज नही दिया गया। इससे पुलिस को पूरा यकीन हो गया कि सभी आरोपी पशुओं को बूचड़खाना लेकर जा रहे हैं। कटघोरा पुलिस ने परिरक्षण अधिनियम 2004 की धारा 6,10 एवं पशुओं के प्रति कुरता अधिनियम 1960 कि धारा 11 के तहत गिरफ्तार कर आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया। एक ओर जहा गौ को माता का दर्जा दिया जाता है वही दूसरे ओर गौ तस्करी गौ तस्करों के द्वारा धडल्ले से की जा रही है अब ऐसे में देखने वाली बात यह है की इन गौ तस्करों को रोकने के लिए प्रशासन क्या ठोस कदम उठाती है।