पनकी पावर हाउस में ৪ साल बाद फिर से बिजली
उत्पादन शुरू होने वाला है। इसको लेकर ट्रायल फेज
शुरू कर दिया गया है। 15 अप्रैल तक बिजली उत्पादन
शुरू होगा। इससे 660 मेगावाट बिजली उत्पादन शुरू
होगा। इसकी 60 प्रतिशत बिजली प्रदेश को मिलेगी।
जिससे बिजली कटौती से प्रदेश में राहत मिलेगी।
उपकरणों को किया जा रहा है चेक प्लांट के बड़े बॉयलर को चालू किया गया है। यह प्रक्रिया
करीब तीन माह तक चलेगी। यहां करीब हफ्ते पहले छोटे बॉयलर को पहले लाइटअप (लाइट डीजल ऑयल को जलाया) किया गया था। उससे जुड़े सारे पाइप, भाप की लीकेज चेक की गई, उपकरणों की ट्यूनिंग हुई।
पाइप में भाप डालकर उसे साफ किया गया। बड़े बॉयलर को लाइट अप किया गया है। यही प्रक्रिया उसमें भी अपनाई गई। बॉयलर से जुड़े चिमनी से धुआंउठने लगा, प्लांट में प्रेशर को लगातार देखा जाएगा।
इसके सफल होने पर 15 से 20 अप्रैल के बीच बिजली
उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा।
लोगों के लिए चर्चा का विषय बना
थर्मल पॉवर प्लांट की 275 मीटर ऊंची चिमनी बनाई
गई है। इसमें से धुआं भी निकलने लगा है। इसे जिसने
भी देखा, उसके मन में पहला ख्याल यही आया कि
प्लांट शुरू हो गया है। बता दें कि यह शहर की सबसे
ऊंची चिमनी है। इस चिमनी का व्यास नीचे 32 मीटर
है, जो ऊपर जाते-जाते कम हो जाता है। सबसे ऊपर
इसका व्यास 16 मीटर है।
दो संयंत्र कम करेंगे धुएं का जहरीलापन प्लांट से निकलने वाला धुआं पर्यावरण के लिए
कम खतरनाक हो, इसके लिए दो अतिरिक्त संयंत्र ब्वॉयलर में लगाए गए हैं। इसमें फ्लू गैस
डिसल्फराइजेशन(एफजीडी) लगाया गया है, जो धुएं
में सल्फर डाई ऑक्साइड गैस को कम करेगा। साथ ही
सेलेक्टिव कैटालिटिक रिडकशन(एससीआर) लगा है,
जो धुएं से जहरीली नाइट्रोजन ऑक्साइड़ गैस को कम
करता है।
करीब 6 करोड़ की लागत से हुआ तैयार कानपुर का पनकी पावर प्लांट दोबारा बिजली उत्पादन
शुरू करने जा रहा है। 5816 करोड़ रुपए की लागत
वाले प्लांट में निर्माणाधीन 660 मेगावॉट की यूनिट
से जल्द ही उत्पादन शुरू हो जाएगा। वर्ष-2019 में
प्रथानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शिलान्यास किया था।
संवाददाता : विकास कुमार सिंह कानपुर