बदनावर के सबसे प्राचीन शिव मंदिर बाब श्री बैजनाथ महादेव मंदिर पर मंगलवार को चाँदी की जलधारी शिवलिंग पर चढ़ाई गई : NN81

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बदनावर के सबसे प्राचीन शिव मंदिर बाब श्री बैजनाथ महादेव मंदिर पर मंगलवार को चाँदी की जलधारी शिवलिंग पर चढ़ाई गई : NN81

05/03/2024 | मार्च 05, 2024 Last Updated 2024-03-05T17:53:38Z
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 *बदनावर के सबसे प्राचीन शिव मंदिर बाब श्री बैजनाथ महादेव मंदिर पर मंगलवार को चाँदी की जलधारी शिवलिंग पर चढ़ाई गई*


धार जिला संवाददाता महेश सिसोदिया 




बदनावर। बदनावर के सबसे प्राचीन शिव मंदिर बाब श्री बैजनाथ महादेव मंदिर पर मंगलवार को चाँदी की जलधारी शिवलिंग पर चढ़ाई गई। शिवलिंग पर वर्तमान में पीतल की जलधारी आज से लगभग ३८ वर्ष पहले राजपूत समाज की महिला ने चढाई थी। पर अब जलधारी शीर्ण हो चुकी थी और इसे बदलना जरुरी हो गया था।  नगर के भक्तगण की इच्छा थी की इस बार जलधारी चाँदी की ही लगाएंगे।  इस हेतु पिछले दो माह से जनता द्वारा नगद एवं चाँदी दान हेतु मुहीम चलाई गई जिसमे नगर के साथ शहर के भक्तो ने भी दिल खोल कर दान दिया। उक्त जलाधारी ३० किलो के लगभग चाँदी से बानी है जिसे इनडोर के दीपने शर्मा द्वारा बनाया गया है। साथ ही मंदिर के गर्भगृह में भी मकराना का शुद्ध सफ़ेद मार्बल भी लगाया गया है। मंदिर में दो  मुख्य द्वार भी दानदाताओ द्वारा लगाए गए है। उक्त सभी कार्य पूर्ण होने से मंदिर बहुत खुबसूरत लगने लगा है। आने वाली शिवरात्रि हेतु मंदिर की सजावट शुरू हो गई है। 

         बदनावर की जनता का सबसे बड़ी आस्था का केन्द श्री बैजनाथ महादेव मंदिर लगभग ग्यारह सो साल पुराना है। उड़िया शैली में बना होने से इसे उड़निया मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। कई लोगो को मानना है है की प्राचीन समय में एक यति इस मंदिर को उड़ा कर कही जा रहे थे रात्रि होने के कारण विश्राम हेतु इस जगह उत्तर गए थे तभी से यह मंदिर यहाँ है और इसलिए इसे उड़निया मंदिर कहते है।