श्री हनुमान जी के प्रकोषटसव दिवस पर सुंदरकांड का पाठ किया गया ।चोला चढ़ाया गया तथा घर में सुख शांति के लिए आशीर्वाद मांगा।
श्री सुधाकर जी महाराज ने शुभ मुहूर्त में रामायण पाठ का वाचन करना शुरू किया।
मनावर धार से हर्ष पाटीदार
विओ :--' आस्था श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक श्री अंबिका आश्रम बोधवाड़ा में अष्ट सिद्धि और नौ निधि के दाता
प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त चिरंजीवी हनुमान जी महाराज सशरीर मौजूद रहते हैं और हमारी रक्षा करते हैं ।श्रीहनुमान जन्मोत्स्व हर वर्ष चैत्र शुक्ल की पूर्णिमा तिथि को पावन पर्व मनाया जाता है।
श्री योगेश जी महाराज ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार श्री हनुमान जी के समक्ष किसी भी तरह की शक्तियां नहीं टिक पाती है। हर पल में ही व्यक्ति के सभी दु:ख हर लेते हैं इसलिए उन्हें संकट मोचन भी कहा जाता है ।
जिनके मन में बसे है श्री राम, जिनके तन में है श्री राम।
जग में वो ही सबसे बलवान ।।ऐसे प्यारे हनुमान जी के जन्मोत्सव पर ऊं हं पवननंदनाय स्वाहा : ।। ऊं हनुमते नमः मंत्र का जाप करना चाहिए कहा गया। 85 लाख 58 हजार 112 वर्ष पहले त्रेता युग के अंतिम चरण में मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र व मेष लगन के योग मे सुबह समय-6:03 बजे मंगलवार को भारत देश के हरियाणा राज्य के कैथल में हुआ था।जिसे पहले कपिस्थल कहा जाता है।गांव में सुख ,शांति और समृद्धि के लिए संतश्री सुधाकर जी महाराज एवम योगेश जी महाराज ने हनुमान मंदिर में हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए रामायण की पंक्तियो के साथ हवन एवम यज्ञ किया गया। सुबह रूद्राभिषेक ,ध्वजारोहण किया गया। पश्चात श्रृंगार किया गया। साथ ही बाबा को चोला चढ़ाया । शास्त्रों के विधि विधान से पूजन करके कलश स्थापना की गई । सतगुरु सेवा समिति के जगदीश पाटीदार ने बताया कि श्रीअंबिका आश्रम तीर्थ स्थल क्षेत्र बोधवाड़ा में पांच दिवसीय श्री रामचरितमानस का रामायण 108 रामायण बिठाई गई। पाठकर्ताओ ने पांच दिवसीय 108 रामायण का पाठ किया ।। उक्त कार्यक्रम संत श्री सुधाकर जी महाराज एवं योगेश जी महाराज के सानिध्य में संपन्न हुआ। श्रीसुंदरकांड एवम श्रीहनुमान चालीसा का पाठ सभी भक्तालुओ ने किया। । ।वेद मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ कुंड में साकल्या की आहूति दी गई।श्रीरामचंद्र जी भगवान की स्तुति- - --- श्री रामचंद्र कृपालु भजु मन भवभय दारुणम कही गई। दाल बाटी व चूरमे की प्रसादी श्रद्धालुओं ने ग्रहण की।। ओम प्रकाश राठौड़ ,नवनीत पाटीदार,रमेश भाई, लच्छु भाई ननोदा का सहयोग रहा।