स्लग :---- मनावर विधानसभा में ग्राम गांगली मैं भगवान शिव ने प्रकट की थी नदी के लिए सूक्ष्म गंगा"किया था
मनावर धार से हर्षपाटीदार
विओ :----कहा जाता है नर्मदा खंड में जैसे कई स्थान है जो सनातन धर्म के अवधारणाओं को प्रतिबिम्बित करते हैं। मनावर से 20 किलोमीटर पश्चिम में ग्राम गांगली जो साथ तलाई ग्राम पंचायत साततलाई अंतर्गत आता है, मां प्रकृति की एक अद्भुत स्वरचना गंगा महादेव स्थान है जो नर्मदा के उत्तर किनारे की तलटी छाती में 400 मीटर दूर पर गंगा कुंड स्थित है क्योंदती अनुसार कहा जाता है कैलाश पर्वत भगवान भोलेनाथ से पार्वती जी ने पूछा स्वामी ना वर्षा ऋतु है ना ही बादल दिखाई देते हैं फिर भी रोज सुबह बादलों की गर्ग ग्राहट क्यों सुनाई देती है, भगवान शिव ने कहा सुनो प्रिये समुद्र मंथन से उत्पन्न कामधेनू कपिला गाय जो कपिल मुनीश के आश्रम पर है उसके दूध से दही बनाकर मैदा गवलन दही बिलोकर माखन बना रही है, जो स्वर्ग मैं भी देवताओं को दुर्लभ है भगवान शिव स्वयं पार्वती के साथ नदी पर सवार होकर चौरागढ़ आए तपस्या की जहां नन्दी के साथ पार्वती जी को लेकर नन्दी के साथ नर्मदा किनारे कपिल मुनि आश्रम पर नित्य प्रतिदिन नंदी भगवान को माखन खिलाने आते थे। वही गांगली स्थान पर नंदी ने कहा भगवान वर्षा ऋतु में नित्य यहां माखन लेने आता हूं। वर्षा ऋतु में मां नर्मदा का जल मिट्टी से दुष्ट होकर पीने लायक नहीं होता है भगवान शिव ने नंदी की मनसा को जानकर नन्दी को पीने के लिए शुष्म गंगा का अवतरण"किया जो आदिकाल से यहां ग्राम गांगली में स्थित है जहां की नर्मदा पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है माही कुंड में पश्चिम से पूर्व की ओर एक निर्मल जलधारा कुंड मै निरंतर प्रवाहित होती रहती है। वही उस कुंड में एक और जलधारा उत्तर से दक्षिण की ओर दोनों निरन्तर चलती आ रहा है अबोध गति से निरंतर प्रवाहित होती रहती है, जो वर्षा ऋतु में भी शुद्ध निर्बल कांच की तरह जल प्रवाहित होता रहता है, जिसकी कल कल ध्वनि रात में आसपास निरंतन कल कल नाथ सुनाई देता है और वही उस जलधारा के कुंड में जल सीमित जगह से ऊपर नहीं होता और वही कुंड से भूमिगत जल दक्षिण की ओर पहाड़ियों के अंदर से प्रभावित होता हुआ लगभग 300 मीटर भूमिगत होकर पहाड़ी के नर्मदा किनारे पे पहाड़ी से अवतरित होकर स्वरचना से जहां नर्मदा किनारे पर प्रकट होता है। वही नर्मदा के किनारे पर कई पत्थरों की विशाल संरचना है जहां पर पत्थरों के बीच काली चट्टान पर जलाधारी 5 फीट के गोलाकार के विकास में 3 फीट ऊंची 3 फीट व्यास वाली व्यास का शिवलिंग स्थापित है एक ही पत्थर की संरचना बनी हुई है कुंड का सीधा पानी पहाड़ी से भूमिगत निकलकर किनारे से दिखाई देता है जलाधारी पर आकर मिलता है और घूम कर नर्मदा में प्रवाहित होता है। जिसे गंगा महादेव के नाम से विख्यात है प्रकृति की यह अद्भुत और धार्मिक की प्रतीक यह संरचना निरंतर बनी हुई है लेकिन वर्तमान में सरदार सरोवर बांध में शिवलिंग सरदार सरोवर का पानी बढ़ने से डूब में शिवलिंग की संरचना जलमग्न हो चुकी है वही वर्षा ऋतु में नर्मदा के बैकवॉटर में जो गंगा कुंड है बैक क्वार्टर में है 25 फीट डूबा रहता है वेग 6,से 7, वर्षों से जब तक नर्मदा में जब सरदार सरोवर के रूप में आने लगा है ऊपर गंगा कुंड के अस्तित्व का खतरा बना रहता है निरंतरण जल भराव एवं मिट्टी से कभी भी विलुप्त हो सकता है। इस देव धरोहर धर्म की सुरक्षित करना आज अति आवश्यक हो गया है। गंगा कुंड से 200 मीटर दूर ग्राम गांगुली की सड़क का मार्ग है जो डूब में नहीं आता है। यूपीएसवी रचना को स्वरचित करने का आज नितांत आवश्यकता है ताकि हम इस देव दुर्लभ संरचना को हम अपने वाली वाली पीढ़ी को भी विरासत में दे सके जो हमें आदिकाल से विरासत में मिली है, कुंड के आसपास ग्राम पंचायत में पक्का निर्माण कर रखा है ।थोड़ा जो की गर्मी में गंगा दशमी पर मेला लगता है। जहां हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं ।वर्तमान मे मध्य प्रदेश शासन द्वारा हमारे जिला कलेक्टर प्रियंक मिश्र द्वारा 16 जून तक जल गंगा सर्वधन अभियान चलाया जा रहा है जो सही मायने में क्षेत्र में गंगा कुंड का संपादन करना। सही मायने में अभियान की सफलता होगी जब श्रीमान कलेक्टर महोदय पुरातत्व विभाग द्वारा गुप्त गंगा कुंड का स्वरक्षण करवाएं। गंगा कुंड के स्थान पर चारों ओर से सीमेंट आरसीसी की संरचना कुंड से उठाकर 25 फिट कर दे ताकि डुब में ना आवे और गांगली रास्ते से कुंड तक लगभग पूल का निर्माण हो जाए ताकि श्रद्धालु हमेशा गंगा कुंडा के दर्शन एवं आचमन कर सके और यह विरासत हमारे आने वाली पीढ़ी सहेज कर रखे ताकि अभियान के सार्थक बने जिसका लाभ आने वाली पीढ़ी को मिलता रहे।
स्मरण रहे कि इसकी पहल ग्राम पंचायत गांगली सात तलाई के सरपंच एवं पंचों को उक्त आशय की मंत्रणाकर विगत 5, 6 वर्ष पूर्व प्रस्ताव पारित कर जनपद में प्रयास किया करते रहे जो सार्थक नहीं हुआ। अगर इस पर संज्ञान लेकर कलेक्टर महोदय पहल करते हैं तो यह एक क्षेत्र के लिए आने वाली पीढ़ी के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। स्मरण रहे आज लगा गंगा दशमी पर ग्राम गांगली में गंगा महादेव का मेला।