कानपुर में जी टी रोड चाैडीकरण को लेकर एनएच पीडब्ल्यूडी ने गुरुवार को आईआईटी से एनएसआई तक : NN81

Notification

×

Iklan

कानपुर में जी टी रोड चाैडीकरण को लेकर एनएच पीडब्ल्यूडी ने गुरुवार को आईआईटी से एनएसआई तक : NN81

29/06/2024 | June 29, 2024 Last Updated 2024-06-29T08:40:13Z
    Share on

 कानपुर में जी टी रोड चाैडीकरण को लेकर एनएच पीडब्ल्यूडी ने गुरुवार को आईआईटी से एनएसआई तक 256 अवैध कब्जेदार चिन्हित करने के साथ 87 अवैध कब्जों पर नोटिस चस्पा कर मुनादी कराकर कहा गया कि तीन दिन में अवैध कब्जे स्वतः तोड़ ले नहीं तो 29 जून से अभियान चलाकर हर्जाना भी वसूलने की चेतावनी दी गई। मुनादी के बाद वहां के दुकानदारों ने विरोध करते हुए सड़क पर उतर आए । अवैध कब्जेदारों ने शोरूम, रेस्टोरेंट,दुकानों सहित दो-दो मंजिल के मकान बना लिए हैं। शाम को अवैध कब्जेदारों ने बैठक कर इस कार्रवाई का विरोध किया।


पीडब्ल्यूडी की राष्ट्रीय राजमार्ग इकाई) ने जीटी रोड में आईआईटी गेट से 18 किलोमीटर दूर रामादेवी चौराहे तक अवैध कब्ते ध्वस्त करने की योजना बनाई है। इसके लिए आईआईटी गेट से रामादेवी की तरफ सर्वे और नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू की। पहले चरण में मंधना से रामादेवी की तरफ आईआईटी गेट के सामने बाली पट्टी में एनएसआई तक 256 अवैध कब्जे चिन्हित किए गए हैं।


NH पीडब्ल्यूडी की टीम अवैध कब्जेदारों को नोटिस देने पहुंची तो दुकानदा ने नोटिस लेने से इनकार कर दिया। और कार्रवाई का विरोध करने लगे। दस्ते में शामिल अभियंताओं ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी गई। इसके बाद एक-एककर 87 अवैध निर्माणों में नोटिस चस्पा की गई।दुकानदारों ने आईआईटी गेट स्थित काली माता मंदिर में बैठक की। सामूहिक रूप से कार्रवाई का विरोध करते हुए अभियान रोकने की मांग की गई। पूर्व पार्षद निर्मला मिश्रा ने कहा कि दो साल पहले मेट्रो निर्माण के दौरान उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने उनकीदुकाने, मकान तोड़े थे, जिन्हें बनाकर दिया गया। बाद में लोगों ने अपनी गाड़ी कमाई लगाकर और निर्माण कराए। यदि मेट्रो निर्माण कार्य के दौरान ही चेतावनी दी गई होती तो लाखों रुपये क्यों लगाते।

संवाददाता: विकास कुमार सिंह कानपुर नगर