छत्तीसगढ़ कोरबा
रिपोर्ट :- नानक राजपुत
स्लग :- डीएमएफ कि राशि का गलत उपयोग करने वालो पर गिर सकती है गाज, निर्देश कलेक्टर कोरबा।
कोरबा जिले के विकासखंड (जनपद) कोरबा सहित करतला, कटघोरा, पाली व पोड़ी-उपरोड़ा में जनता की लंबित मांगों और समस्याओं का समाधान के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों की पहल पर काफी प्रयासों के बाद कार्यों की स्वीकृति जिला खनिज न्यास मद से सम्भव हो पाई। आवश्यक और तकनीकी कार्रवाई के बाद विकास कार्यों के लिए डीएमएफ से स्वीकृत राशि की प्रथम किश्त जारी भी हुई लेकिन पहले किश्त की राशि आहरण करने के बाद इसे डकार लिया गया/ बंदरबांट कर लिया गया और पांचों जनपद क्षेत्र में सैकड़ों कार्य आज भी प्रारंभ होने की राह देख रहे हैं। कुछ कार्य प्रारंभ होकर आधे-अधूरे हालत में ही दम तोड़ दिए तो अनेक काम शुरू भी नहीं हुए हैं।
स्वीकृत राशि की प्रथम किश्त जो कि जिले भर में आंकलन करने पर कमोबेश करोड़ रुपए से अधिक हो सकती है, उसका गबन कर लिया गया और क्षेत्र की छोटी-छोटी समस्याएं वर्षों से यथावत बनी हुई है। मिडिया ने कई मौकों पर विभिन्न क्षेत्रों की समस्याओं से जुड़ी इन खबरों का प्रसारण भी किया और प्रमुखता से उजागर किया कि किस तरह से संबंधित सरपंच- सचिव ने डीएमएफ की राशि का दुरुपयोग किया है। कलेक्टर अजीत वसंत के संज्ञान में भी खबरों के माध्यम से यह बातें लगातार लाई जाती रही और अंतत: उन्होंने इस विषय पर संज्ञान भी लिया है। पूरी उम्मीद है कि ऐसे लापरवाह लोगों के विरुद्ध राशि की वसूली से लेकर आवश्यकता पड़ने पर FIR की कार्रवाई भी भविष्य में संभव हो सकेगी।
कलेक्टर अजीत वसंत ने आज मंगलवार को समय सीमा की बैठक लेते हुए जिले के सभी जनपद सीईओ को निर्देशित किया है कि डीएमएफ अंतर्गत पुराने कार्यों में प्रथम किश्त प्राप्त कर कार्य नहीं करने वालों की सूची 15 दिनों के भीतर प्रस्तुत करें। उन्होंने कार्य में रुचि नहीं लेने वाले सचिवों के विरुद्ध जाँच कर कार्यवाही के निर्देश जिला पंचायत सीईओ संबित मिश्रा को दिए हैं।