ऑनलाइन गेमिंग के साथ ही कुछ मोबाईल एप्लिकेशन्स भी धोखाधड़ी का प्रमुख कारण - डॉ. वरुण कपूर
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अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत तत्वावधान में आज स्पेशल डायरेक्टर ऑफ जनरल, डॉ. वरुण कपूर का ब्लैक रिबन इनिशिएटिव के तहत 705 इंटरएक्टिव सेशन शाजापुर के इटरनल स्कूल ऑफ स्टडीज तथा 706 इंटरएक्टिव सेशन दिल्ली स्मार्ट पब्लिक स्कूल में आज सम्पन्न हुआ।
डॉ. कपूर ने इन इंटरएक्टिव सेशन्स को संबोधित करते हुए कहा कि साइबर धोखा अदृश्य है, इसलिए यह एक बहुत बड़ी चुनौती है। वास्तविक दुनिया से परे इस काल्पनिक दुनिया में तौर-तरीके अलग हैं, इसलिए किसी अन्य को अपना कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस उपयोग नहीं करने देना चाहिए। साइबर दुनिया में मनोरंजन, संवाद, ई-कॉमर्स जैसे कार्यों के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाए हैं, जो कि अदृश्य खतरों से जुड़ी हैं। "साइबर अपराध" के लिए हम 24 घंटे दरवाजा खुला रखते हैं। इसके लिए किसी भी राष्ट्र की सीमा नहीं है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे अपराध हो रहे हैं, इसलिए सतर्कता और जिम्मेदारी के साथ साइबर स्पेस का उपयोग करें। जागरूकता ही बचाव के एकमात्र कुंजी है। किसी की डिवाइस या अकाउंट तक अनधिकृत रूप से पहुंचना एक गम्भीर अपराध है। आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं में साइबर अपराध के लिए सजा का प्रावधान है। हम अन्जान लिंक पर क्लिक करके या किसी भी क्यू आर कोड को स्कैन करके या ओटीपी देकर ऐसे जाल में उलझ जाते हैं। ऐसे अपराध करते हुए अपराधी एक्सपर्ट हो जाते हैं और बड़े अधिकारी भी इनके जाल में फंस जाते हैं। समस्याओं से घिरने पर स्वयं को अपराधी नहीं समझें, बल्कि परिजन और मित्र से अवश्य साझा करना चाहिए। साइबर धोखा होने पर स्वयं के लिए घातक कदम नहीं उठाना चाहिए।
डॉ. वरुण कपूर ने ऑपरेशन ब्लैक रिबन इनीशिएटिव संकल्प अभियान के तहत सतर्क रहते हुए किसी भय और लॉटरी/नौकरी के लालच से दूर रहने का संदेश दिया। किसी प्रकार की घटना होने पर स्क्रीनशॉट को प्रमाण के रूप में बचाकर रखें। डॉ. कपूर ने समझाया कि स्वयं तो सुरक्षित रहने के साथ ही ऐसे अपराध करने से भी बचें। साइबर स्टॉकिंग में अनजान नंबर से बार- बार कॉल, मैसेज या सोशल मीडिया पर रिक्वेस्ट आते हैं जबकि साइबर बुलिंग तो 24 घंटे साथ रहती है। इस स्थिति में एक भी गलत कदम उठाने से धोखा हो सकता हैं। मैसेज में आई हाइपरलिंक पर क्लिक नहीं करें, सर्च करने के लिए स्वयं लिंक टाइप करें। पूर्ण ज्ञान एकत्रित करें, जल्दबाजी नहीं करें और किसी पर भी आंखें बंद करके विश्वास नहीं करें।
डॉ. कपूर ने प्रश्नों का सही उत्तर देने वाले 2 चयनित छात्राओं तृषा एवं दिशा को गोल्डन बैच एव प्रमाण-पत्र के साथ ही 5 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को बेज से सम्मानित किया। इस अवसर पर कालापीपल विधायक श्री घनश्याम चंद्रवंशी, विद्यालय समिति के श्री दिनेश चंद झाला, डॉक्टर जगदीश भावसार विशेष रूप से उपस्थित थे। इटरनल स्कूल ऑफ़ स्टडीस प्राचार्या श्रीमती सौदामिनी झाला ,संचालक श्री विशाल झाला और टीचिंग स्टाफ का विशेष सहयोग रहा। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के पदाधिकारीगण श्री आनंद नागर, श्री सुहास पुंडलिक शाजापुर प्रभारी, श्री गौरव रावत विधि आयाम प्रमुख, प्रोफेसर डॉ. सुनील आडवानी, श्रीमती ऋतु पाराशर, श्रीमती अनुराधा मेहता,श्रीमती मीनल जैन, सचिन मालवीय, खुशी नागर, माही पाराशर, श्री नचिकेत झाला, मनोज क्षोत्रिय की उपस्थिति में सत्र सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन प्राचार्य श्रीमती सौदामिनी झाला ने दिया। कार्यक्रम का संचालन श्री अजीत पाराशर ने किया और आभार विधि प्रमुख शिवानी घावरी ने व्यक्त ने किया। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को स्मृति चिन्ह और डॉ. वरुण कपूर को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के संचालन में इंस्पेक्टर पुनम राठौर एव उनकी टीम का विशेष योगदान रहा।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डॉ. वरुण कपूर इंदौर में संस्था रुस्तम जी आर्म्ड पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में डायरेक्टर के पद पर सुशोभित है। डॉ. कपूर विगत 13 वर्षों से साइबर क्षेत्र में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से कार्य कर रहे हैं। उनके द्वारा 5 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए गए हैं उन्हें दो डॉक्टरेट और दो डिलीट की उपाधि से सम्मानित किया गया है उनके द्वारा 10 से अधिक संख्या में TEDx टोक दिया गया है। उनके द्वारा पांच महाद्वीपों में कार्य किया गया है। संकल्प अभियान के अंतर्गत 4 सितंबर को इंटरनल स्कूल में 705 नंबर की एवं दिल्ली स्मार्ट पब्लिक स्कूल में 706 नंबर की ब्लैक रिबन इनीशिएटिव कार्यशाला संपन्न हुई। जिसमें इंटरनल स्कूल के 15 शिक्षकों एवं 201 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। साथ ही दिल्ली स्मार्ट पब्लिक स्कूल में 129 बच्चे एवं 27 शिक्षकों ने मास्टरमाइंड स्कूल के 88 छात्र-छात्राओं एवं पांच शिक्षकों ने भाग लिया
शाजापुर से संवाददाता राजकुमार धाकड़