नैनपुर
सत्येन्द्र तिवारी नैनपुर से न्यूज नेशन 81के लिए
आखिर क्या वजह थी जो चाकू से किया वार जिसमे चार हुए घायल
एंकर - नैनपुर - जैसा कि विदित हो कल दिनाक 1/11/2024 को नैनपुर के वार्ड नंबर 14 कनोजिया टोला में इतनी बड़ी वारदात हो गई ।की एक अकेले ने चार लोगों को चाकू से घायल किया आखिर वजह क्या थी।क्या सच में आशीष तिवारी जिसने इस घटना को अंजाम दिया आदतन अपराधी था या हे या होगा यह सोचने का विषय है कुछ तो ऐसा हुआ होगा की अपने बचाव में इतनी बड़ी घटना को करने में या कहें निर्दय होने में विवश हो गया।एक छोटी सी बात पे सिर्फ फसल काटने को ले कर ।जनता में आज वह गुनाह गार बन गया।सबने अपनी अपनी दृष्टि से आरोप लगाना शुरू कर दिया क्या किसी ने घटना के अंदर जा कर समझने की कोशिश की नहीं।पर कहावत हे मरता क्या ना करता ।कुछ तो वजह होगी जो चाकू उठाने पर उसे मजबूर की ओर आज अपराधी की मोहर ,एक कलंक लग गया उसके जीवन में।
यूं तो पहलू को देखा जाए तो ये रनजिस पुरानी हे सिर्फ खुआ की जरूरत थी और उसके सहारे अंजाम तक पहुंचाने की ओर हुआ वही।आशीष तिवारी उस जगह में था जहां उसका मक्का सूख रहा था। और वही किसी के खेत में हार्वेस्टर के द्वारा कटाई की जा रही थी। बस झगड़े की वजह यही से शुरू हुई जिसने वारदात को इतना बड़ा रूप दे दिया। चर्चा है की जिन व्यक्तियों को चाकू लगा है उन्हीं के द्वारा इस झगड़े की शुरुआत की गई और वजह सिर्फ नशा। जिन्हें यह नहीं पता था कि दारू के नशे पर हम क्या करने जा रहे हैं। शुरुआत घायल पक्ष के द्वारा की गई जन चर्चा और वहां पर मौके पर उपस्थित लोगों के द्वारा यह कहते सुना गया की जिसने चाकू से बार किया है और उन चार लोगों को घायल किया है उसको गंदी-गंदी गालियां दी गई परिवार के बारे में कहा गया साथ ही पहले उसको ही मारा गया यहां तक की शायद अपना बचाव ना करता तो घटना दूसरे रूप में परिणित होती और आज शायद वह जी भी पता कि नहीं यह कहना भी मुमकिन नहीं है। उन लोगों के द्वारा नशे की हालत पर सामने वाले पक्ष को उकसाया गया उसे इस वारदात करने के लिए मजबूर किया गया नहीं तो शायद आज परिणीति यह होती कि वह व्यक्ति अपना बचाव नहीं करता तो आज उसके घर में मातम छाया होता।
नगर की जनता और आमजन शासन प्रशासन से यही मांग करती है और उम्मीद करती है की घटना की वास्तविकता तक जाकर के तहकीकात की जाए जांच की जाए उसके पहलू पर जाया जाए कि आखिर में इतना बड़ा कदम उसके द्वारा क्यों उठाया गया जिससे दूध का दूध पानी का पानी सामने निकल कर आए। यह अलग बात है कि आज जिसे आरोपी बना था वह पीड़ित हो गया और जैसे पीड़ित होना था वह आरोपी बन गया यह नियति है नियति ने पलटवार किया और घटना कुछ और होनी थी और घटना कुछ और हो गई इसकी तह तक प्रशासन को जाना चाहिए कि आखिर ऐसा इतना बड़ा कदम आरोपी ने क्यों उठाया जिससे गलत सही का निर्णय हो सके और सही न्याय पक्षों को मिल सके।