*प्रभारी सी एम एच ओ का जाति प्रमाणपत्र असली या नकली अभी तक कोई कार्यवाही नही*
*आरोप लगे कि अनुसूचित जनजाति का हक मारकर कर रहे नोकरी*
**मामला ठंडे बस्ते में क्यो*
*मुख्यमंत्री करे कार्यवाही**
आगर मालवा/आगर मालवा जिला सी एम एच ओ राजेश गुप्ता 2018 से सुर्खियों में है और कई अखबारों में छप चुके है मामला राजधानी तक भी पहुँचा की गुप्ता फर्जी प्रमाणपत्र से नोकरी कर रहे है इसकी जांच कर तत्काल कार्यवाही करें यहाँ तक कि पुलिस को एफ आई आर करने का लिखा गया ऐसा कुछ सूत्र बताते है मगर क्यो मामले की जांच नही हो रही आखिर कोनसा पावर है गुप्ता के पास की जिसके जरिये सब सिलेंडर हो जाते है।
अगर जो आरोप पूर्व सी एम एच ओ मालवीय ने लगाए तत्कालीन उज्जैन एस डी एम ने सचिव को लिखा अगर ये सब सत्य है तो फिर किस बात का इनाम गुप्ता को देकर जिले के उच्च पद पर बिठा रखा है फर्जी प्रमाणपत्र से नोकरी हथियाई है तो इन्हें बर्खास्त करना चाहिए और अभी तक शासन से पगार ली है वो शासन के खजाने में जमा करानी चाहिए दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए।
डॉ राजेश गुप्ता के मामले में तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एस एस मालवीय ने प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन भोपाल को दिनांक 29/4/24 को पत्र लिखा जिसमे उनके द्वारा बताया गया कि डॉ राजेश गुप्ता अनुसूचित जनजाति के फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर एम बी बी एस शिक्षा एवं शासकीय सेवक वर्तमान में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी आगर मालवा को बर्खास्त कर एम बी बी एस की डिग्री विलोपित की जाए।
मालवीय ने अपने शिकायती पत्र में लिखा था कि आगर जिला प्रभारी सी एम एच ओ राजेश गुप्ता फर्जी प्रमाणपत्र से नोकरी कर रहे है तत्कालीन संभाग आयुक्त ने पत्र क्रमांक/389/2/स्थापना 12/1/18 को प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग भोपाल को लेख किया गया था किंतु खेद का विषय है कि आयुक्त के पत्र पर आज तक कार्यवाही नही की गई और कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर एस सी सर्टिफिकेट प्राप्त कर शासकीय सेवा कर रहे है मालवीय ने गुप्ता को तत्काल बर्खास्त करने का पत्र प्रमुख सचिव को लिखकर आयुक्त की बात याद दिलाई थी मगर अभी तक कोई असर नही दिख रहा है जिन पर आरोप लगे है कि ये फर्जी दस्तावेज से नोकरी कर रहे है वो अब आगर जिले में फर्जीयो को चमकाने का काम कर रहे है मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजेश गुप्ता ने पूर्व में एक आदेश निकाला था कि झोलाछाप डॉक्टरों की धरपकड़ होगी फिर कहा फर्जी लेब चलाकर जांच करने वालो पर कार्यवाही होगी अब नया सगुफ़ा लाए है कि शासकीय डॉ प्रायवेट प्रक्टिस करेगा उस पर कार्यवाही करूंगा ये आदेश चमकाने वाला है या अपने फर्जी प्रमाणपत्र पर पर्दा डालने के लिये सबको चमकाया जा रहा है ताकि कोई इनके जाती प्रमाणपत्र पर उंगली नही उठाए।
और नही तो फिर अभी तक कितनी लेब शील करदी क्या इनको नही पता कि आगर जिले में कितनी लेब चल रही है और कितने लेब टेक्नीशियन पदस्थ है जिले में चल रही ज्यादातर लेब बिना पैथोलॉजीस्ट बिना चल रही है कोई डॉ जांच नही करता सब बच्चों के भरोसे है उनके खिलाफ आवाज उठाकर क्या डॉ गुप्ता अपना कमीशन लेना चाहते है ?
नही तो फिर अभी तक क्या कार्यवाही की झोलाछाप की भरमार उन पर भी कार्यवाही की कहते है मगर करते नही अब अपने ही अधीनस्थ शासकीय डॉक्टरों को चमका रहे है फरमान जारी कर दिया कोई शासकीय डॉक्टर अब प्रायवेट प्रक्टिस करेगा तो कार्यवाही होगी अब फर्जी कोन जिन पर आरोप लग रहे डॉ गुप्ता या नगर के लेब वाले उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत तो सुनी होगी।
इन डॉ गुप्ता महाशय की कुण्डली खंगाली जाए तो 2018 से 2024 तक कि शिकायतो का सच सामने आ सकता है मगर सब कुंभकर्ण की नींद सोए है ।
डॉ मालवीय ने जो शिकायत की उसमें बताया कि गुप्ता द्वारा जो जाती प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया गया था वो अनुविभागीय अधिकारी महिदपुर जिला उज्जैन से सन 31/3/1990 में जारी हुआ जबकि पूर्व में जाति प्रमाणपत्र के सम्बंध में अनुविभागीय अधिकारी महिदपुर द्वारा पत्र क्रमांक 1011/रीडर/17 दिनांक 1/12/17 के द्वारा जानकारी दी गई थी कि वर्ष 1989 से 90 दायरा पंजी में डॉ राजेश गुप्ता का अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र नही बना है डॉ राजेश गुप्ता ने जो प्रमाणपत्र एस टी वर्ग का प्रस्तुत किया है वो पूर्ण रूप से फर्जी है?
मालवीय ने जो पत्र प्रमुख सचिव को लिखा उसमें ये भी बताया कि डॉ राजेश गुप्ता कान्यकुब्ज वैश्य जाती से आते है शासकीय माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 2 महिदपुर ने जानकारी में बताया कि राजेश गुप्ता पिता भेरूलाल गुप्ता ने स्कूल से सन 1983 में कझा 6 में प्रवेश लिया था जिनका भर्ती क्रमांक 782 है व इनकी जाति भुजवा (कान्यकुब्ज वैश्य)है जो सामान्य वर्ग में आती है तो फिर ये अनुसूचित जनजाति का प्रमाणपत्र कहा से और कैसे लाए जिसके आधार पर नोकरी कर रहे है?"
मालवीय का आरोप है कि इनके पिता भेरूलाल गुप्ता जो कि महिदपुर में शासकीय शिझक थे जिला कोष एवं लेखा विभाग में पेंशनर के रुप में इनकी जाती भुजवा दर्ज है जो सामान्य वर्ग से पेंशन भोगी है?
पूर्व में भी डॉ गुप्ता की जाति की जांच तत्कालीन उपायुक्त उज्जैन संभाग पवन जैन द्वारा की गई व जाति प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने पर कलेक्टर उज्जैन को पत्र क्रमांक 533/2/--स्थापना 2016 दिनांक 18/1/18 के द्वारा डॉ के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे किंतु कोई कार्यवाही नही की गई जो उस समय कुछ अखबारों की सुर्खियां भी बनी।।
इस प्रकार वर्तमान सी एम एच ओ जिला चिकित्सालय आगर डॉ राजेश गुप्ता द्वारा जालसाजी कर कूटरचित दस्तावेजो के आधार स्वयं को अनुसूचित जनजाति का बताकर एम बी बी एस की शिक्षा आरक्षित सीट पर प्राप्त कर शासकीय नोकरी में मेडिकल आफिसर का पद हासिल किया इसकी जांच कर षड्यंत्र रचकर नोकरी करने वाले डॉ के खिलाफ तुरन्त कार्यवाही करनी चाहिए ।
*मुख्यमंत्री जी से मांग*
प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी उज्जैन संभाग से है और ये मामला भी उज्जैन संभाग के आगर का है जो काफी समय से चर्चाओं में होकर कार्यवाही की राह ताक रहा है संज्ञान में लेकर किसी का हक मारकर नोकरी करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही कर दूध का दूध पानी का पानी करे यदि जो आरोप लगे वो सत्य है और जाति प्रमाणपत्र फर्जी है तो तुरंत बर्खास्तगी की कार्यवाही करना चाहिए।
*इनका कहना*
जब इस मामले में सी एम एच ओ राजेश गुप्ता के कार्यलय में जाकर देखा तो वो वहा नही थे मोबाइल लगाया कि सर आपकी बाईट करनी है फर्जी लेब व आप पर लग रहे फर्जी प्रमाणपत्र को लेकर तो डॉ गुप्ता ने कहा मैं अभी हाईकोर्ट में हु जब उनसे कहा कि कल बाईट दे देना तो उनका जवाब था देखते है।
फोटो/आगर