Reported By: Bablu Vishwakarma
Edited By: Abhishek Vyas X @abhishekvyas99
नाबार्ड की सहायता से दरी आर्ट को पुनः पंख मिले:
विदिशा, दिनांक 29 जनवरी 2025 - सिरोंज में बनने वाली दरी की ख्याति चहूंओर फैली हुई थी। पिछले कुछ वर्षो से सिरोंज दरी आर्ट विलुप्ति की कगार पर पहुँच गया था किन्तु अब पुनः पलवित हुआ है। नाबार्ड की सहायता से सिरोंज दरी आर्ट को पुनः पंख मिले है और अपनी पुरानी ख्याति को पुर्नस्थापित करने की ओर अग्रसर हुआ है।
श्रीमती जसप्रीत कौर ने बताया
नाबार्ड की जिला प्रबंधक श्रीमती जसप्रीत कौर ने बताया कि नाबार्ड की सहायता से महिलाओं के स्वसहायता समूहोे को दरी आर्ट से भलीभांति प्रशिक्षित ही नहीं किया गया बल्कि उन्हें दरी निर्माण सामग्री, आठ लूम लगाकर दरी निर्माण के कार्य को गति दी है। महिला स्वसहायता समूह की 60 सदस्यों के द्वारा दरी उत्पादन के कार्य को आगे बढाया गया है। नाबार्ड की सहायता से सिरोज दरी को विक्रय के लिए मार्केटिंग व प्रशिक्षण दोनो की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। दरी उद्योग काॅमन फेसिलिटी सेन्टर चंदेरी से टाइअप कर नए प्रगति के मार्ग की ओर अग्रसर हो रहा है।
सिरोंज शहर के वार्ड नम्बर चार हाजीपुर में स्थापित दरी उद्योग का बुधवार को नाबार्ड की जिला प्रबंधक श्रीमती जसप्रीत कौर, एसडीएम श्री हर्षल चैधरी, एलडीएम श्री भगवान सिंह बघेल ने संयुक्त रूप से भ्रमण कर दरी उद्योग के पुर्नस्थापन कार्यो को देखा और महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा की जा रही पहल का हौंसला अफजाई किया है। नाबार्ड की जिला प्रबंधक श्रीमती कौर ने बताया कि सिरोंज में बनने वाली दरी से समूह के द्वारा अब तक एक लाख रूपए से अधिक की आमदनी प्राप्त की गई है नाबार्ड के द्वारा आयोजित तीनो मेलो में सिरोंज दरी विक्रय के स्टाॅल समूह के द्वारा लगाए गए थे। छह बाई साढे तीन मीटर साइज की दरी की कीमत 1200 रूपए है। सिरोंज पुनः दरी क्षेत्र उत्पादन की ऐतिहासिक ख्याति को पुनः अर्जित करने की ओर अग्रसर है।