वाटर एड इंडिया के द्वारा विश्व जल दिवस के अवसर पर जल संरक्षण का जिला स्तरीय कार्यक्रम घुघवा(क) में हुवा आयोजन: NN81

Notification

×

Iklan

वाटर एड इंडिया के द्वारा विश्व जल दिवस के अवसर पर जल संरक्षण का जिला स्तरीय कार्यक्रम घुघवा(क) में हुवा आयोजन: NN81

22/03/2025 | मार्च 22, 2025 Last Updated 2025-03-22T10:40:33Z
    Share on

 Reported By: Gopesh Sahu

Edited By: Abhishek Vyas @abhishekvyas99 


वाटर एड इंडिया के द्वारा विश्व जल दिवस के अवसर पर जल संरक्षण का जिला स्तरीय कार्यक्रम घुघवा(क) में हुवा आयोजन:

दुर्ग, छत्तीशगढ़ - हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को जल संरक्षण और स्वच्छ पानी के महत्व के प्रति जागरूक करना है। जल हमारे जीवन के लिए अनिवार्य है, लेकिन दुनिया के कई हिस्सों में इसकी भारी कमी है। बढ़ती जनसंख्या, जल प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण स्वच्छ पेयजल की समस्या बढ़ती जा रही है।

संयुक्त राष्ट्र ने 1993 में इस दिवस की शुरुआत की थी। हर साल इसे एक नई थीम के साथ मनाया जाता है, जो जल से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती है। इस अवसर पर वाटर एड एवम ग्राम पंचायत घुघवा(क) के संयुक्त तत्वधान में जिला स्तरीय विश्व जल दिवस मनाया गया। वाटर एड द्वारा लगातार गांव गांव में  जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं एवम जल संरक्षण के लिए सोंकता गड्डा, रैन वाटर हार्वेस्टिंग, मैजिक पिट का निर्माण कराया जा रहा है।


हम सभी को जल बचाने के लिए प्रयास करना चाहिए। रोजमर्रा की जिंदगी में छोटी-छोटी आदतें अपनाकर हम पानी की बर्बादी को रोक सकते हैं, जैसे नल को खुला न छोड़ना, वर्षा जल संचयन करना और जल स्रोतों को प्रदूषण से बचाना।

यह बहुत ही सराहनीय पहल है! जल संरक्षण आज की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक है, और ऐसे कार्यक्रम जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वाटर एड इंडिया और स्थानीय प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयास, जैसे सोंकता गड्ढा, रेन वाटर हार्वेस्टिंग और मैजिक पिट, ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण को बढ़ावा देने में मदद करेंगे।

सांसद विजय बघेल द्वारा हर गांव में जल संरक्षण कार्यों को बढ़ावा देने की बात, सरकार की "हर घर स्वच्छ जल" मुहिम को और मजबूती प्रदान करेगी। मनरेगा के तहत जल संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्य भी दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकते हैं।

अगर इस तरह के प्रयास लगातार जारी रहे और आमजन भी इसमें सक्रिय भागीदारी करें, तो जल संकट की समस्या काफी हद तक कम की जा सकती है। "जल है तो कल है"—इस संदेश को हर घर तक पहुंचाना जरूरी है!