महाराष्ट्र नंदूरबार( जाविद शेख )
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, दर्जनों ईंट भट्ठे बिना लाइसेंस और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति के संचालित हो रहे हैं। इन भट्ठों में न तो श्रम कानूनों का पालन होता है और न ही पर्यावरणीय मानकों का। बच्चों और मजदूरों से अत्यधिक श्रम लिया जा रहा है, जोकि कानूनन अपराध है।
प्रशासन को कई बार शिकायतें दी गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या प्रशासन की मिलीभगत से यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है?
पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि इन अवैध भट्ठों से निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण को बढ़ा रहा है, जिससे सांस संबंधी बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि प्रशासन इस पर तुरंत संज्ञान ले और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे, ताकि पर्यावरण और जनजीवन की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।