संवाददाता-दिनेश कुमार नेताम, बालोद
स्थान -गुरूर
बालोद जिला के पुलिस प्रशासन पर पत्रकार कृष्णा गंजीर पर हुए प्राणघातक हमले के आरोपियों उमेश्वर उर्फ ओमू साहू एवं रविकांत साहू को गिरफ्तार करने में कोताही बरतने एवं उन्हें संरक्षण देने का लगा था आरोप। वहीं जिले के पत्रकारों ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली से क्षुब्ध होकर 25 मई 2025 से नेशनल हाईवे 30 पर अर्धनग्न अवस्था में धरना प्रदर्शन करने का अल्टीमेटम राज्यपाल के नाम अनुविभागीय अधिकारी गुरूर को सौंपा था। तत्पश्चात अनुविभागीय पुलिस अधिकारी बालोद एवं गुरूर ने आरोपियों को दिनांक 24 मई 2025 को बेमेतरा से गिरफ्तार कर लिए जाने की जानकारी देते हुए आयोजित धरना प्रदर्शन को स्थगित करने का जिले के पत्रकारों से अनुरोध किया था, जहां पर आरोपियों की गिरफ्तारी हो जाने की पुष्टि उपरांत इस शर्त पर
आंदोलन स्थगित करने की सहमति प्रदान किया गया था कि आरोपियों का नगर गुरूर में कोलिहामार स्थित फारेस्ट नाका से धनेली चौंक गुरूर तक जिले के पत्रकारों की उपस्थिति में जुलूस निकाला जाएगा। पत्रकारों के इस मांग को स्वीकार करते हुए पुलिस प्रशासन ने पत्रकारों को आश्वस्त किया था कि पत्रकारों की उपरोक्त मांग अनुसार आरोपियों का जुलूस निकाला जाएगा। लेकिन आंदोलन स्थगित होने के बाद पुलिस प्रशासन अपने किए वादे से मुकर कर पत्रकारों के साथ किया है विश्वासघात। अवगत हो कि आरोपी ओमू साहू ने गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पुलिस एवं पत्रकारों के समक्ष कबूल किया है कि अपने पास अवैध रूप से रखे गन (पिस्तौल) को छुपाकर रखा है, पुरूर पुलिस का नेतृत्व कर रहे सहायक उप निरीक्षक भुजबल साहू ने आरोपीयों को अपने साथ लेकर उनके निशानदेही पर उक्त गन को जप्त करने की बात कहते हुए हीरापुर के लिए रवाना जरूर हुआ
लेकिन भुजबल साहू ने अपनी वर्दी एवं फर्ज के साथ धोखा करते हुए कर गन को जप्त नहीं किया। बल्कि आरोपी को सीधे मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत कर दिया जहां से मजिस्ट्रेट ने आरोपियों को जेल भेज दिया है। वहीं दूसरी ओर रायपुर में पत्रकारों को खबर कवरेज करने से रोकने एवं धक्का मुक्की करने तथा पत्रकारों पर बंदूक तानने वाले आरोपियों को रायपुर पुलिस ने मुंडन करवाकर बीच सदर जुलूस निकालकर लोगों में आरोपियों का दहशत एवं भय मिटाने का सराहनीय कार्य किया है। वहीं बालोद जिला के पुलिस प्रशासन ने भुजबल साहू के माध्यम से आरोपियों से रिश्तेदारी निभाते हुए आरोपियों का मान सम्मान की दुहाई देते हुए पत्रकारों से किए वादे से मुकरकर गुरूर नगर में जुलूस ना निकालकर ग्राम कन्नेवाड़ा के सुनसान जगह पर चार कदम पैदल चलाकर अपने दोगलेपन का परिचय देते हुए अपनी जिम्मेदारी का इतिश्री कर लिया।
बालोद जिला प्रशासन की इस विश्वास घात व्यवहार को लेकर बालोद जिले के पत्रकारों में काफी आक्रोश है तथा पुलिस प्रशासन की दोगलेपन की निंदा जितनी भी की जाए कम है। आगामी दिनों में कभी ऐसे वादा खिलाफ पुलिस प्रशासन पर भरोसा नहीं करने का निर्णय लिया गया है।