रिपोर्ट: गोपेश साहू 📍 सेलूद, छत्तीसगढ़
दुर्ग। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत जिले में चल रही नवाचार पहल को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है। जिला पंचायत दुर्ग के मार्गदर्शन में पाटन, दुर्ग और धमधा विकासखंड के 1200 से अधिक आवास हितग्राहियों ने अपने घरों में स्वप्रेरणा से सोकपीट का निर्माण कर वर्षा जल संचयन की मिसाल पेश की है। इस सामूहिक प्रयास को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला है।
पाटन विकासखंड के 108 ग्राम पंचायतों में 432 सोकपीट बनाए गए। इस नवाचार का निरीक्षण करने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के डायरेक्टर डॉ. मनीष विश्नोई एवं सदस्य श्री सुबोध कुमार स्वयं पाटन ब्लॉक पहुँचे। उन्होंने ग्राम पंचायत ढौर, माणिकचौरी और पतोरा का दौरा कर हितग्राहियों से संवाद किया और उनके जल संरक्षण के प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर जिला पंचायत दुर्ग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बजरंग दुबे, जनपद पंचायत पाटन के सीईओ अभिजीत बबन पठारे (आईएएस), मनरेगा एपीओ अरदीप ढीढी, अतिरिक्त सीईओ श्वेता यादव, कार्यक्रम अधिकारी डालिमलता नाग, एसडीओ राकेश वर्मा, ग्राम सरपंच मेघा ठाकुर (ढ़ौर), महेश साहू (माणिकचौरी), भुनेश्वर साहू (पतोरा) तथा अन्य अधिकारी एवं ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
सीईओ दुर्ग बजरंग दुबे ने कहा कि "यह पहल पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण भागीदारी का उत्कृष्ट उदाहरण है। जिले के प्रत्येक हितग्राही ने स्वप्रेरणा से कार्य कर जो प्रतिबद्धता दिखाई है, वह गौरवपूर्ण है।"
यह उपलब्धि दुर्ग जिले के लिए एक नई पहचान है, जो स्वच्छता, नवाचार और पर्यावरण सरंक्षण के क्षेत्र में प्रेरणा का स्रोत बनेगी।