आज से मानस भवन में होगा श्रावण मानस महोत्सव का भव्य आयोजन , 1 माह तक चलेगा अखण्ड श्री रामायण पाठ एवं यज्ञ - NN81

Notification

×

Iklan

आज से मानस भवन में होगा श्रावण मानस महोत्सव का भव्य आयोजन , 1 माह तक चलेगा अखण्ड श्री रामायण पाठ एवं यज्ञ - NN81

11/07/2025 | जुलाई 11, 2025 Last Updated 2025-07-11T12:52:17Z
    Share on


संवाददाता, कृष्णा कुमार

सूरजपुर छत्तीसगढ़/सूरजपुर श्रीराम चरित मानस अखण्ड पाठ समिति के द्वारा  श्रावण मानस महोत्सव का आयोजन किया गया है जो आज 11 जुलाई से प्रारम्भ होगा। जिसका समापन 10 अगस्त को पूर्णाहुति एवं महाप्रसाद भंडारा के साथ किया जाएगा। शहर में पहली बार हो रहे उक्त भव्य धार्मिक आयोजन को लेकर श्री रामचरित मानस भवन मानस चौक बड़ा तालाब बड़खपारा में भव्य तैयारी आयोजन समिति के द्वारा की गई है। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि सावन मास में श्री राम चरित मानस का पाठ विशेष फलदायी होता है। जगत के आराध्य देव भगवान श्री शिव जी के द्वारा श्री राम चरित मानस की रचना की गई और सुअवसर आने पर पहली बार माता पार्वती जी को सुनाई गई। श्रावण मास में श्रीराम चरित मानस अखण्ड पाठ एक अश्वमेध यज्ञ का फल प्रदान करता है।  श्रीराम चरित मानस अखण्ड पाठ समिति के द्वारा विगत 55 वर्षों से नगर एवं आस पास के क्षेत्रों में मानस अखण्ड पाठ, मानस यज्ञ का आयोजन किया जाता रहा है। समिति के द्वारा श्रवण मास के पावन अवसर पर इस वर्ष श्रावण मानस महोत्सव मनाया जा रहा है। जिसके तहत श्रवण मास के प्रथम दिवस आज 11 जुलाई से 9 अगस्त  तक श्रावण मास पर्यंत अखण्ड पाठ एवं यज्ञ का आयोजन श्री राम चरित मानस भवन सूरजपुर में किया गया है। प्रतिदिन प्रातः अखण्ड पाठ का प्रारम्भ होकर अगले दिन समापन एवं आरती के पश्चात् पुनः अखण्ड पाठ प्रारम्भ होगा। वहीं प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से मास पारायण मानस यज्ञ का आयोजन होगा। 10 अगस्त को पूर्णाहुति एवं महाप्रसाद भंडारा के साथ श्रावण महोत्सव का समापन किया जाएगा। मानस महोत्सव में एक दिन के मुख्य यजमान के लिए 11 हजार रूपये, यजमान के लिए 71 सौ रुपये एवं सवामनी भोग के लिए 51 सौ की दक्षिणा सहयोग समिति के द्वारा निर्धारित की गई है। इसके अतिरिक्त धर्मप्रेमीजन अपनी स्वेच्छानुसार सहयोग राशि प्रदान कर अपने परिवार, इष्ट मित्रों, प्रियजनों के नाम से संकल्प ले सकते हैं। समिति ने सभी धर्मप्रेमियों से आग्रह किया है कि उक्त धार्मिक आयोजन में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर आयोजन को सफल बनावें एवं पुण्य के भागी बनें।