श्री सद्गुरु स्वामी दलश्रृगारानंद जी की 17वीं पुण्यतिथि पर जाफरखानी में हुआ भक्ति–साहित्यिक आयोजन - NN81

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श्री सद्गुरु स्वामी दलश्रृगारानंद जी की 17वीं पुण्यतिथि पर जाफरखानी में हुआ भक्ति–साहित्यिक आयोजन - NN81

06/07/2025 | जुलाई 06, 2025 Last Updated 2025-07-06T11:11:30Z
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जमालपुर, मीरजापुर। ग्राम जाफरखानी स्थित श्री सद्गुरु शरण कुटीर के श्री सद्गुरु स्मारक स्थल पर आज दिनांक 5 जुलाई 2025 को परम पूज्य श्री सद्गुरु स्वामी दलश्रृगारानंद जी महाराज की सत्रहवीं पुण्यतिथि श्रद्धा व भक्ति भाव के साथ मनाई गई। इस अवसर पर भक्तों ने महाराज श्री के श्रीचरणों में श्रद्धासुमन अर्पित किए और एक दिवसीय भक्ति सत्संग, संगीत, भजन व कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ।


कार्यक्रम का प्रारंभ दोपहर 12 बजे से भजन-कीर्तन व संगीत प्रस्तुति के साथ हुआ, जिसके उपरांत दोपहर 2 बजे से कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ।

रामबहाल सिंह 'बहाल कवि' द्वारा कवि गोष्ठी की शुरुआत की गई, जिन्होंने अपनी भक्ति रचना –

"कर लो भजन मन से सद्गुरु कै, और न कोई ठिकाना है।

छोड़ के मोह माया जग से, एक दिन तुमको जाना है।"

प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं और साहित्यप्रेमियों को भावविभोर कर दिया।


गोष्ठी में तेजबली अनपढ़ ने पारिवारिक संस्कारों पर आधारित भावुक कविता प्रस्तुत की –

"माता-पिता को जीवन में ठुकराएगा, सुख-शांति से दुनिया में न रह पाएगा।"


वसीम अहमद ने कहा –

"कुछ ऐसा करे कि लोग इबारत करें यहां,

कदमों-निशाँ पर ऐसे ही सजदे।"


कवि जगजीवन ने भावभरी पंक्तियाँ पढ़ीं –

"सद्गुरु बदे अखियां चकोर भइल, अबही ना अजोर भइल ना।"


बंधू पाल बंधू ने समसामयिक सामाजिक चित्रण में हास्य व्यंग्य के रंग भरे –

"बाप के चमरौधा ना आटल, बेटवा पहिरत बाटा हो, मंहगाई से का घाटा हो।"


मूर्तिकार रणधीर द्वारा – "भूरिश्रवा राजा का राजधानी बा महान बबुआ," और

रामसरन प्रजापति द्वारा – "देशवा के हमार ललनवा कुर्बान," जैसे ओजस्वी गीतों ने वातावरण में ऊर्जा भर दी।


कार्यक्रम की अध्यक्षता शांति कुंज आश्रम, छोटा मीरजापुर से पधारे स्वामी महाराज ने की। उन्होंने श्री सद्गुरु के जीवन, साधना और समाज के प्रति समर्पण को स्मरण करते हुए पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।


रामबहाल सिंह 'बहाल कवि' ने भावपूर्ण संचालन किया, वहीं संत प्रसाद 'बुट्टन' ने सद्गुरु भेष में आकर सभी का धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत कर समापन किया।


व्यवस्थापकगण में प्रमुख रूप से दिनेश कुमार मौर्य, प्रभाकर विश्वकर्मा, बाबूलाल यादव, सुरेश पेंटर, कन्हैया ढरकार, कृष्णा प्रसाद ढरकार, जयंत्री मौर्य, नारद, बिहारी बिंद, जोखू बिंद, त्रिभुवन, कृष्णा मौर्य सहित बड़ी संख्या में भक्तगण एवं भक्तानियाँ उपस्थित रहीं।


मंच पर उपस्थित अतिथियों एवं कार्यकर्ताओं का अंगवस्त्र व माल्यार्पण कर भव्य स्वागत किया गया।