आज की सच्चाई पर एक नज़्म एक बाप की फरियाद - NN81

Notification

×

Iklan

आज की सच्चाई पर एक नज़्म एक बाप की फरियाद - NN81

04/07/2025 | जुलाई 04, 2025 Last Updated 2025-07-04T06:56:24Z
    Share on


पिड़ावा तहसील से 

 संवाददाता मोहम्मद इस्लाम 


पिड़ावा कस्बे के 

शामी अहमद मासूम ने 

यह क्या खूब नजम लिखी है

 

पाला पोसा बड़ा किया।

बेटी तूने ये क्या किया।

चन्द लम्हों कि मोहब्बत में।

तूने हमे रुसवा किया।

चहकती थी तेरे हसने से मेरी बगिया।

तेने मेरे आंगन को सुना किया।

भूल गई तू बचपन मेरे कंधों का।

तेने मुझे जो छोड़ने का फैसला किया।

ख्वाहिशें मार एक एक पाई जोड़ी।

हमने तेरा जहेज़ इखट्टा किया।

वो डोली में बैठाने के अरमान।

पर सब पर तूने पानी फेर दिया।

चला करता था में शान व शौकत से।

रास्ते में पर तूने सर निचा करा दिया।

रोज़ रोती है मां तेरी तुझे याद करके।

तूने ममता को शर्मसार किया।

बर्दाश्त नहीं होती ज़िल्लत मुझसे मेरी

पर मज़हब ने भी खुदक़शी से इंकार किया।

देख कर मेरी हालत मेरा दोस्त।

कहता हे शुक्र हे खुदा तेने मुझे बे ओलाद किया।।


पाला पोसा बढ़ा किया,,,,

बेटी तूने ये क्या किया