लोकेशन - एमसीबी (छ.ग.) रिपोर्ट - मनीराम सोनी
एमसीबी - जिला कलेक्टर डी.राहुल वेंकट ने सभी बिभाग को सर्प दंश ना हों इसके लिए सफाई बनाये रखने बयापाक प्रचार प्रसार,एबं स्वाथ्य बिभाग को सर्प दंश उपचार के लिए एंटी स्नेक विनम की उपलब्धता बनाये रखने के लिए निर्देश दिए व आम जनता से अपील की झाड फूँक मे समय ना गवाकर सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र मे या जिला अस्पताल मे समय पर पहुचे *मुख्य चिकित्सा एबं स्वाथ्य अधिकारी डा.अबिनाश खरे ने जिला अस्पताल एबं सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र.मे सर्प दंश के उपचार के लिए सिबिल सर्जन वा खंड चिकित्सा अधिकारी को समस्त आवश्यक उपकरण व दबाईयो की उयलब्धता के लिए आदेश किया,मुख्य चिकित्सा एबं स्वास्थ्य अधिकारी अबिनाश खरे ने सभी लोगो को झाड़-फूंक से सर्पदंश का जहर नहीं उतरता, बल्कि इससे जान को खतरा हो सकता है. घबराहट से हृदय गति बढ़ सकती है, जिससे जहर तेजी से फैल सकता है वन क्षेत्र या घास में जाते समय लकड़ी की छड़ी का प्रयोग करें अपने आसपास के क्षेत्र को साफ रखें वर्षा ऋतु में सांपों के प्राकृतिक आवासों में जलभराव हो जाने से वे मानव बस्तियों की ओर आ जाते हैं, जिससे सर्प-दंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों, खेतों, नदी किनारे एवं बस्तियों की परिधियों में सर्प आ जाते हैँ ओर लोगो को काट लेते हैँ विशेतः बरसात मे सर्प दंश की घटनाये बढ़ती हैँ सर्प दंश के पश्चात लोग बेगा एबं झाड फूख करवाने मे समय इलाज समय निकाल देते समय पर स्वास्थ्य केंद्र नहीं पहुंचने से सर्प दंश से मृत्यु हों जाती हैँ और कूड़े के ढेर न लगने दें.चूहों की आबादी को नियंत्रित करें,क्योंकि चूहे सांपों को आकर्षित करते हैं.सांप काटने पर तुरंत जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र में जाएं, वही जिला नोडल अधिकारी डॉ अतीक सोनी ने बतलाया की लोगो मे सर्प दंश को लेकर काफ़ी भ्रामकता फैली हुई हैँ बहुत बार देखा जाता हैँ की लोग सर्प दंश के जगह गोबर लगा देते है ,झाड़फूक करवाते हैँ या फ़िर कपडे या रस्सी से बांध देते हैँ जो गलत है सर्प दंश होने पर घबराए नहीं एक समय पर अस्पताल लाये जिससे शीग्र ही उपचार सुरु कर घटना से बचाया जा सके