Type Here to Get Search Results !

🔴LIVE TV

जिले के प्रसिद्ध फोटोग्राफर कई पुरुस्कारों से सम्मानित प्रिन्स सैयद ने बताया की उनका जन्म राजगढ़ जिले के मिनी काश्मीर नरसिंहगढ़ में 4 अप्रेल 1977 को हुआ -NN81

9 अगस्त वर्ल्ड फोटोग्राफी डे पर विशेष

रिपोर्ट अमन खान इंकलाबी

आज वर्ल्ड फोटोग्राफी डे के अवसर पर  जिले के प्रसिद्ध फोटोग्राफर कई पुरुस्कारों से सम्मानित प्रिन्स सैयद ने बताया की उनका जन्म राजगढ़ जिले के मिनी काश्मीर नरसिंहगढ़ में 4 अप्रेल 1977 को हुआ, उनके पिता स्वर्गीय अनवार हुसैन जी उस समय के मशहूर फोटोग्राफर थे वो दौर ब्लैक&व्हाइट का ज़माना था यशिका के कमरे हुआ करते थे और उस कमरे में इन्दु कंपनी के नेगेटिव वाली रील लगाईं जाती थी जिसमे सिर्फ 12 फोटो खींचने की कैपेसिटी होती थी , उस दौर में फोटोग्राफर अपने घर के एक छोटे रूम को डार्करूम बनाते थे जहाँ बिलकुल अँधेरे कमरे में नेगेटिव को डेवलेपर में धोकर पॉज़िटिव नेगेटिव किया जाता था, उस समय फोटोग्राफर रेड वाटर कलर से नेगेटिव को बिलकुल बारीक़ ब्रश से टचिंग करते थे और चेहरे को सुन्दर बनाया जाता था जो एक बहुत बड़ी आर्ट हुआ करती थी, उस नेगिटिव से रिफ्लेक्टर के माध्यम से फोटो पर नेगेटिव की परछाई कुछ सेकंड के लिए डाली जाती थी और पेपर को डेवलेपर और हाइपो नामक केमिकल में डुबो कर प्रिंट तयार होता था , पर आज विज्ञान के चमत्कारों से इस कम्प्यूटर युग में सबकुछ बड़ा आसान होगया है, मगर फिर भी जो ब्लैक&व्हाइट के फोटो हुआ करते थे उनकी बात ही अलग थी, एसे परिवेश में प्रिन्स सैयद का बचपन गुज़रा बचपन से ही फोटोग्राफी में हाथ आज़माये और निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते रहे,

 प्रिन्स सैयद फोटोग्राफी में कुछ नया करना चाहते थे तो उन्होंने कमरे में डबल एक्सपोजिंग यानि एक ही नेगेटिव पर डबल रोल में फोटो की टिप्स का नया उपयोग  करके राजगढ़ जिले का नाम रोशन किया , उस समय भोपाल और इंदौर के फोटोग्राफर भी आश्चर्य चकित होगये थे की नरसिंहगढ़ जैसे एक छोटे से क़स्बे का रहने वाला एक नई उम्र का लड़का एसा कर रहा है, प्रिन्स सैयद उस समय मात्र 16 वर्ष के थे,

 जैसे जैसे उम्र बढ़ती गई तो शोक भी बढ़ता गया और नई नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल ने प्रिन्स सैयद को एक सफल फोटोग्राफर बनाया, फिर समय बदला डिजिटल युग शिरू हुआ कम्प्यूटर से फोटोशॉप सॉफ्टवेयर से फोटो बनाना और प्रिंटर से प्रिंट करने का चलन हुआ जो आज भी चल रहा है,  वक़्त बदला मोबाईल आये और फोटोग्राफरों के बुरे दिन शिरू हुवे, एक समय था जब हर तयोहार पर बहुत से लोग अपनी फॅमिली को फोटो स्टूडियो पर ले जाकर फोटो खिचवाते थे , मगर अब तो मोबाईल का दौर आया मोबाईल में भी बहुत अच्छी क़्वालिटी के कैमरे आगये और लोग स्टूडियो से दूर होते चले गए , अब तो सिर्फ पासपोर्ट फोटो खिचवाना हो तभी फोटो स्टूडियो की याद आती है, 

इसके विपरीत फोटोग्राफर प्रिन्स सैयद आज भी फोटोग्राफी को ही अपना व्यवसाय और शोक बनाये हुवे है और एक विशालकाय वृक्ष के सामान आज भी फोटोग्राफी में सफलताएं छू रहे है , 

प्रिन्स सैयद ने बताया की कोई फोटो स्टूडियो संचालक कुछ ही दिनों में इस व्यवसाय से अलविदा ले लेते है, और दूसरे व्यवसाय करने लगते है इस बारे में प्रिन्स सैयद ने बताया की आजकल फोटोग्राफर स्टूडियो के साथ ही ऑनलाइन का कार्य करने लगे है उससे फोटोग्राफी पर कम ध्यान देते है और नई टेक्नोलॉजी को सीखने में समय नहीं देते यही उनके पतन का कारण है, प्रिन्स सैयद ने बताया की फोटोग्राफी एक एसी कला का सरोवर है जिसकी गहराई अनंत है जिसमे रोज़ाना ही कुछ सीखना पड़ता है और नया करना पड़ता है तभी इसमें सशक्त रूप से कार्य कर सकते है , आजकल लोग शदियों में लाखों रूपये की वीडियोग्राफी फोटोग्राफी कराते हैं, बेबी बम्प मेटरनिटी शूट हो या प्री वेडिंग शूट सभी में नित नई टेक्नोलॉजी का उपयोग करना होता है जिसमे लाखों रूपये की कमाई है, फोटोग्राफी के कार्य को जो लोग कम में आंकते हैं उनके लिए प्रिन्स सैयद एक मिसाल हैं, जिन्होंने अपने इसी कार्य से आज प्रदेश में अपनी एक अलग पहचान बनाई हुई है और फोटोग्राफी में कई पुरूस्कार जीतकर राजगढ़ जिले का नाम रोशन किया है, आज वर्ल्ड फोटोग्राफी दिवस के मोके पर उन्होंने सभी युवा फोटोग्राफरों के उज्जवल भविष्य को लेकर बधाई दी और उनसे कहा की फोटोग्राफी के बिजनेस का न छोड़े, और अपने कॅरियर के प्रति समर्पित रहकर कुछ नया करे ओर जीवन में आगे बढे 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Advertisement

#codes