पवित्र गीता जी अनुसार पूर्ण संत कौन होता है संत रामपाल जी महाराज
गुना जिले से गोलू सेन की रिपोर्ट
*अशोकनगर।* जिले के ग्राम जमाखेड़ी में रविवार 07 जनवरी 2024 को जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में एक दिवसीय तहसील स्तरीय सत्संग का आयोजन हुआ। सत्संग को LED व प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में आस-पास के क्षेत्र से श्रद्धालु इस सत्य आध्यात्मिक ज्ञान को सुनने के लिये पहुंचे उन्होंने सत्संग को - बहुत ही ध्यानपूर्वक श्रवण किया।
सभी शिष्य अपने धार्मिक गुरुओं के सतगुरु होने का दावा करते हैं लेकिन यह कैसे तय किया जाए कि सतगुरु कौन है? इस सवाल के जवाब के लिए हम संत रामपाल जी महाराज के सत्संग में गए।
सत्संग में संत जी अपने प्रवचनों में बता रहे थे एक सच्चा संत (गुरु) अर्थात जो भगवान का अवतार है और जो आज तक अनकही सच्चाई को धार्मिक ग्रंथों के आधार पर प्रमाण सहित प्रकट करता है वह सतगुरु कहलाता है। सतगुरु की पहचान उसके ज्ञान से होती है। यदि उनका ज्ञान शास्त्रों द्वारा प्रमाणित है, तभी वह सतगुरु है। वह पूजा का सच्चा मार्ग प्रदान करता है। समाज को सभी तरह की बुराइयों को त्यागने की शिक्षा देता है और उन्हें मोक्ष प्राप्त करने के लिए भक्ति के सच्चे मंत्र देकर सही मार्ग पर ले जाता है।
संत रामपाल जी ही एक मात्र संत हैं जिन्होंने इस संसार रूपी उल्टे वृक्ष को अपने सत्संगो में विस्तार पूर्वक समझाया है। संत जी ने बताया कि एक समय में पृथ्वी पर एक ही पूर्ण गुरु (तत्वदर्शी संत ) होता है जो अपने भक्ति विधि को शास्त्रों से प्रमाणित करके अपने अनुयायियों को प्रदान करता है, जिससे मर्यादा भक्ति करने वाले का मोक्ष संभव है।
सत्संग में एक दिवसीय नाम दीक्षा का आयोजन भी किया गया था सत्संग में काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।